ELECTION POLITICS:- BJP पारस के बहाने नीतीश की JDU को झटका दे रही है !जानें कैसे…
चाचा-भतीजा के राजनीतिक विवाद में से चिराग को तवज्जो मिलने से सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म
Political Desk:-बिहार में चाचा-भतीजा का राजनीतिक संघर्ष जारी है.एक तरफ मुंहे बोले चाचा नीतीश कुमार ने अपने भतीजे तेजस्वी यादव को इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के बाद 28 जनवरी को झटका दिया था और महागठबंधन की सरकार को खत्म करके बीजेपी के साथ एनडीए की सरकार बना ली थी.वहीं दूसरी ओर 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से झटका खाने वाले चिराग पासवान लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें झटका पे झटका दे रहे हैं.मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने चिराग पासवान की लोजपा(रामविलास) को असली लोजपा माना है और चिराग की झोली में 5 सीटें दे रही है,वहीं चाचा पारस की झोली में खाली के बराबर दिख रही है.यानी छह से से पांच सीट के साथ अलग गुट बनाने वाले पारस को कोई भी सीट देने की काबिल बीजेपी नहीं मान रही है जबकि चाचा के झटका से एक सीट पर सिमटे चिराग पासवान को 5 सीटें दी जा रही है.
बीजेपी के इस बदले स्टैंड को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ कई तरह की चर्चा कर रहे हैं.इसमें एक चर्चा तो स्व. रामविलास पासवान का वोट बैंक चिराग पासवान के साथ होने की बात कही जा रही है.वहीं दूसरी और अहम चर्चा है कि बीजेपी पशुपति कुमार पारस के बहाने नीतीश कुमार और जेडीयू को झटका दे रही है क्योंकि नीतीश कुमार और जेडीयू का पहल पर ही पशुपति कुमार पारस को बीजेपी ने केन्द्र में मंत्री बनाया था और चिराग को अलग-थलग किया था.स्व.रामविलास पासवान का सरकारी आवास भी चिराग पासवान से जबरदस्ती खाली करवाया गया था,क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनने की वजह जेडीयू और नीतीश कुमार चिराग पासवान की ही मानतें हैं,इसलिए उन्हें कमजोर करने के लिए लगातार प्रयास करती रही, पर नीतीश कुमार के 2022 में बीजेपी छोड़कर महागठबंधन के साथ आने के बाद बीजेपी और चिराग पासवान की बीच नजदीकियां बढ़ने लगी.नीतीश कुमार के पाला बदलने से बीजेपी के नेता काफी नाराज थे और नीतीश कुमार एवं उनकी पार्टी को सबक सीखाना चाहती थे,पर बदले हालात में बीजेपी और जेडीयू फिर से एक साथ आ गए हैं और बिहार में सरकार चला रहे हैं,पर बीजेपी इस नयी सरकार में छोटे भाई की भूमिका में हरगिज नहीं दिखना चाहती है.यह वजह है कि वह नीतीश सरकार में बीजेपी के अपने एजेंडे पर काम करने की कोशिश कर रही है.बीजेपी की तरफ से लिस्ट नहीं देने की वजह से करीब डेढ़ माह से मंत्रिमंडल विस्तार का मामला अटका पड़ा है.
इस लोकसभा चुनाव में भी नीतीश और जेडीयू चिराग पासवान को ज्यादा तवज्जों नहीं देना चाहते हैं,क्योंकि सरकार के समर्थन करने के बवाजूद चिराग पासवान नीतीश सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साध रही है.बीजेपी भी अंदरूनी तरीके से जेडीयू को कमजोर करना चाहती है.यही वजह है कि वह जेडीयू को तो मन मुताबिक सीट दे रही है,पर जेडीयू जिस चाचा पशुपति कुमार पारस के प्रति सॉफ्ट कार्नर रखती है, बीजेपी उसे झटका दे रही है और नीतीश और जेडीयू जिससे चिढ़ते हैं,उस चिराग पासवान को तवज्जो दे रही है.
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