Desk- भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) आज एक बार फिर से वकील पर गुस्सा हो गए.इस गुस्से में उन्हौने वकील से कहा, ‘मेरे अधिकारों की दायरे में घुसपैठ मत करो।’ उनके इस तेवर के बाद कोर्ट रूम में कुछ देर के लिए शांति छा गई.
दरअसल सीजेआई उस वक्त गुस्सा हो गए जब उनकी पीठ में सुनवाई के लिए मामले की लिस्टिंग नहीं होने की सूरत में वकील ने किसी दूसरी पीठ में जाने की अनुमति मांगी। वकील ने कहा कि अगर माननीय की पीठ के पास हमारे मामले की सुनवाई के लिए वक्त नहीं है तो क्या किसी दूसरी पीठ में जा सकता हूं? अगर आपकी अनुमति हो तो दूसरी बेंच के सामने गुहार लगाऊं? इतना सुनते ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ तमतमा गए। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास ये चालाकी मत दिखाओ। पहले यहां और फिर जल्दी सुनवाई के लिए कहीं और मामले को नहीं ले जा सकते।’
इस दौरान सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे। इस पीठ ने वकील की गुहार पर उसकी याचिका को 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया था तब वकील ने कहा कि क्या इसकी सुनवाई के लिए दूसरी पीठ में जा सकता हूं?
सीजेआई के गुस्सा होने के बाद वकील साहब ने भी माहौल को भांपते हुए तुरंत माफी मांग ली
वकील साहब के माफी पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आपको माफ कर दिया, लेकिन मेरे अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश मत किया कीजिए।’
सीजेआई ने वकील को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए सुनवाई के लिए अगले केस को सामने लाने की अनुमति दी। ध्यान रहे कि कौन से केस की किस पीठ में सुनवाई होगी, यह तय करने का अधिकार चीफ जस्टिस का होता है। चूंकि वकील ने खुद से दूसरी पीठ में जाने की बात की, इस कारण चीफ जस्टिस ने उन्हें उनकी सीमा बता दी।
हर सुबह चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ अर्जेंट हियरिंग के लिए जरूरी औसतन 100 मुकदमों की सुनवाई करती है.