Positive News
सपनों को दे नई उड़ान

आदित्य सचदेवा हत्याकांड: रॉकी समेत तीनों दोषी पटना हाई कोर्ट से बरी, जानिए पूरा मामला

2016 में रोडवेज में आदित्य सचदेवा की हुई थी हत्या, jdu की पूर्व एमएलसी के बेटे रॉकी यादव समेत तीन को निचली अदालत से मिली थी आजीवन कारावास की सजा

Desk- 2016 में गया में हुए आदित्य सचदेवा हत्याकांड मामले में बड़ा मोड़ आया है. निचली अदालत से मुख्य आरोपी रॉकी यादव समेत 3 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी .अब इस मामले में हाईकोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है. इसके बाद इस केस की फिर से एक बार चर्चा होने लगी है .

बताते चलें कि आरोपी रॉकी यादव जेडीयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी और गया जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्व. बिंदी यादव के पुत्र हैं. रॉकी के साथ ही उनके चचेरे भाई टेनी यादव और पूर्व एमएलसी की सुरक्षा में तैनात राजेश कुमार को कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और अब तीनों को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है.
मृतक आदित्य सचदेवा गया शहर का ही रहने वाला था उसकी हत्या साल 2016 में उस समय हुई थी जब वह अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया वापस लौट रहा था. आदित्य सचदेवा को बीच सड़क पर गोली मार दी गयी थी. हत्या का आरोप रॉकी यादव पर लगा था कि आदित्य की गाड़ी ने पीछे से आ रही रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया था,जिसकी वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया था.इस घटना ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया था.

निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस ए.एम. बदर और जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि बिहार सरकार और पुलिस ये साबित करने में विफल रही है कि इन तीनों ने ही आदित्य की हत्या की है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष स्पष्ट, ठोस, भरोसेमंद और पुख्ता सबूत पेश करके उनका अपराध स्थापित करने में विफल रहा. लिहाजा संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी कर दिया.

बता दें कि ये घटना 7 मई 2016 की है. आदित्य सचदेव अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया अपनी कार से लौट रहा था. रास्ते में उसके पीछे से रॉकी यादव की गाड़ी आ रही थी. पुलिस ने कहा कि जब आदित्य सचदेवा ने रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया तो रॉकी ने उसे गोली मार दी. आदित्य को अस्पताल ले जाते जाते ही उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी.
इस मामले में 9 मई 2016 को रामपुर थाना में कांड संख्या 130/16 दर्ज करायी गयी थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गया की अदालत ने इस मामले में तेजी से सुनवाई की और 6 सितंबर 2017 को गया के एडीजे वन सच्चिदानंद सिंह ने रॉकी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने हत्या के आरोपी टेनी यादव और एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं रॉकी के पिता बिंदी यादव को सबूत मिटाने और आरोपी को मदद पहुंचाने के आरोप में 5 साल की सजा दी गयी थी. कोरोना के दौरान बिंदी यादव की मौत हो गयी थी.

आजीवन कारावास की सजा पाए तीनों दोषियों को पटना हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद मृतक आदित्य सचदेवा के परिजनों ने निराशा जताई है और कहा है कि उन्हें सरकार और कोर्ट पर भरोसा है.

मृतक आदित्य सचदेवा के पिता श्याम सुंदर सचदेवा ने कहा कि हमें न्यायालय के साथ-साथ बिहार सरकार पर पूरा भरोसा है. इस तरह का फैसला आने की जानकारी मिली है. हम सरकार पर पूरा भरोसा करते है. हमलोगों को न्याय जरूर मिलेगा. जहां तक हमारी सुरक्षा की बात है तो जब हमारा बेटा ही चला गया तो हम और क्या कर सकते हैं ? फिर भी हमें न्यायालय और सरकार पर पूरा भरोसा है. सरकार जो भी कार्य करेगी वह अच्छा करेगी.

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More