PATNA:- बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी से कम होने पर अब वहां के शिक्षक के साथ ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होगी और उनका वेतन बंद किया जाएगा. इस कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव IAS केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के निदेशक ने आदेश जारी कर दिया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे गए पत्र में कहा गया है, कि स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है .जिसका सकारात्मक असर पड़ा है .इससे शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है ,लेकिन अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी भी नहीं है. शिक्षा निदेशक ने आगे लिखा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में सभी तरह की व्यवस्थाएं और साधन मुहैया कराई गई हैं जिससे कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यों का सम्यक रूप से निर्वहन कर सकें, लेकिन ऐसा लगता है कि कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अपने कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं .इसलिए अब वैसे लापरवाह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का वेतन बंद किया जाएगा जिनके इलाके में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी से कम होगी.
शिक्षा विभाग के इस आदेश से राज्य भर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि अभी तक शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई हो रही थी लेकिन अब इस आदेश से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी जद में आ गए हैं और 15 अगस्त से अगर उनके कार्यालय के आसपास या कार्य क्षेत्र के स्कूलों में 50 फीसदी से कम उपस्थिति छात्रों की होगी तो उनका वेतन बंद कर दिया जाएगा.
बतातें चले कि अपर मुख्य सचिव का पदभार लेने के साथ ही केके पाठक ने सख्ती करना शुरू कर दिया था और 1 जुलाई से लगातार स्कूलों का निरीक्षण करवा रहे हैं जिसमें लापरवाही या अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है उनका वेतन बंद किया जा रहा है और स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है इसके साथ ही स्कूलों के ड्रेस को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें शिक्षकों को जींस टी-शर्ट जैसे कपड़े पहनकर स्कूल आने पर रोक लगाई गई है. स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए साफ-सफाई, शौचालय का बेहतर इंतजाम, खेलकूद की व्यवस्था और प्रयोगशाला के सामानों का सही उपयोग करने का आदेश जारी किया गया है और ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है. जबकि शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था की जा रही है .
इन आदेशों का पालन होने की वजह से सरकारी स्कूलों की व्यवस्था मैं सकारात्मक बदलाव हो रहा है और अब अगर छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी से कम होने पर शिक्षकों के साथ अधिकारियों पर कार्रवाई होगी तो निश्चित रूप से अब ये अधिकारी छात्र छात्राओं के अभिभावकों से मिलकर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का इंतजाम करेंगे.