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IAS केके पाठक के अभियान से बदल रही है सरकारी स्कूलों की तस्वीर

1अगस्त से शिक्षा विभाग का कार्यालय में इ-फाइलिंग,शिक्षकों की हाजिरी भी लगेगी ऑनलाइन

Desk(PositiveNewsLive):- बिहार के शिक्षा विभाग में गुणात्मक परिवर्तन हो रहा है और अब 1 अगस्त से कागजी फाइलों का दौर शिक्षा विभाग से खत्म हो जाएगा क्योंकि अपर मुख्य सचिव के के पाठक के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग के सभी कार्यालय में को इ- कार्यालय के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है इसके लिए सभी कार्यालयों में कंप्यूटर सिस्टम लगाए जा रहे हैं और संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है पुराने फाइलों को अपलोड किया जा रहा है और 1 अगस्त से सभी नई फाइल ई कार्यालय के तहत ही आगे बढ़ाया जाएगा.

इ-कार्यालय की शुरुआत होने से कई तरह का फायदा विभाग को मिलेगा और फाइलों को आगे बढ़ाने में अनावश्यक विलंब नहीं होगा और किस स्तर से फाइल अटकी हुई है यह भी सीनियर अधिकारियों को पता चल सकेगा और लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी.
बताते चलें कि कड़क IAS माने जाने वाले केके पाठक के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार लेने के साथ ही विभाग में परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है.
केके पाठक के आदेश पर 1 जुलाई से ही राज्य भर के स्कूलों का निरीक्षण हो रहा है और लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापक, शिक्षकों , कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है और वेतन की कटौती भी की जा रही है .

इसके साथ ही अब 1 अगस्त से शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी जिसके बाद शिक्षकों का गैर हाजिर रहना काफी मुश्किल हो जाएगा वहीं शिक्षकों के बाद छात्र छात्राओं की उपस्थिति भी ऑनलाइन तरीके से कराने की तैयारी की जा रही है. वहीं केके पाठक ने एक अन्य आदेश में शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को 8 घंटे की ड्यूटी में 4 घंटे कार्यालय में बिताने और 4 घंटा स्कूलों के निरीक्षण के लिए समय देने का निर्देश दिया है. इसका पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

गौरतलब है कि केके पाठक के लगातार जारी किए जा रहे आदेश और उस पर अमल को लेकर की जा रही सख्ती की वजह से स्कूलों में गुणात्मक परिवर्तन हो रहा है शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है. वहीं छात्र छात्राओं की भी उपस्थिति पहले की अपेक्षा ज्यादा हुई है. स्कूलों में साफ-सफाई एवं खेलकूद को लेकर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. स्कूलों की रंगाई-पुताई चहारदीवारी,शौचालय, पेयजल, आदि के लिए भी व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है.
केके पाठक के इस अभियान से जहां शिक्षक कर्मचारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी कहीं-कहीं दबाव में हैं वही छात्र-छात्रा एवं अभिभावक इस अभियान से काफी खुश और उत्साहित हैं . उन्हें लगता है कि अगर 1 साल भी केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रह गए तो सरकारी स्कूलों की तस्वीर और तकदीर पूरी तरह से बदल जाएगी.

वही केके पाठक के किस अभियान का विरोध भी होने लगा है कई जगह शिक्षकों पर हुई कार्रवाई के खिलाफ शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है. पिछले दिन और शिक्षक संघ ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया था और कार्रवाई को मनमानी बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन सरकार के स्तर से केके पाठक को अपना अभियान चलाते रहने की हरी झंडी मिली हुई है यही वजह है शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की नराजगी को भी सरकार नजरअंदाज कर रही है.

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