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पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का निधन.. पीएम एवं बिहार के सीएम समेत कई गणमान्य ने जताया शोक

सबसे कम और अधिक उम्र में चुनाव लड़ने का उनके नाम है रिकार्ड

Desk- बड़ी खबर पंजाब से है..यहां के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मोहाली के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था,जहां उन्होंने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली.

प्रकाश सिंह बादल 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य लोगों ने शोक जताया है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने अपने लंबे राजनीतिक सफर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया. वो राजनीति में अपनी शुचिता के लिए जाने जाते थे.उनसे मेरा गहरा लगाव था. पटना में आयोजित प्रकाश पर्व के दौरान भी उनसे मेरी मुलाकात हुई थी.उनके निधन से मैं व्यक्तिगत रूप से मर्माहत हूं। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं उनके परिजनों एवं को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.

बताते चलें कि प्रकाश सिंह बादल 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर की पहली हार थी। अधिक उम्र के कारण वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे। कुछ चुनाव के बाद से उनकी राजनीतिक सक्रियता कम हो गई थी।

प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो उन्हौने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। सबसे पहले उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।

इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने थे पर जीवन का आखिरी चुनाव में हार गए इससे पहले वह हर एक चुनाव जीते थे.

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