घोर कलयुग :महाकाल के दरबार में भक्तों से ठगी!

सामान्य भक्तों को प्रोटोकॉल दर्शन के तहत वीआईपी सुविधा दिलाने के नाम पर 1000 से 2000 की वसूली

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Desk– मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में जल्दीबाजी में दर्शन करने के नाम पर भक्तों से पैसों की ठगी हो रही है, यह ठगी मंदिर प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मी कर रहे हैं, इसका खुलासा होते ही 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है वहीं तीन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
महाकाल मंदिर में इस तरह की फर्जीवाड़ा के खुलासे से भक्त हैरान और परेशान है वही मंदिर प्रबंधन कमेटी ने भी अब व्यवस्था में बदलाव की तैयारी शुरू की है.मिली जानकारी के अनुसार मंदिर प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मी प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर दूर दराज के प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं से 1000 से ₹2000 तक वसूली कर रहे थे. यह पैसा मंदिर प्रबंधन कमेटी में देने के बजाय खुद अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर रहे थे और कई कर्मचारी महीने में लाखों का वारा न्यारा कर रहे थे.

मामला सामने आने के बाद यहां के जिलाधिकारी ने पूरे मामले की छानबीन की और मौके पर पहुंचे कई श्रद्धालुओं से बात की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया. डीएम के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है.पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौक से सभा मंडल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के बैंक अकाउंट की जांच की गई तो उसमें लाखों का ट्रांजैक्शन पाया गया है. कुल तीन कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में केस दर्ज किया गया है, जबकि मंदिर प्रबंधन कमेटी ने 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
इस मामले में उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि कर्मचारियों ने भक्तों से प्रोटोकॉल दर्शन के तहत अवैध रूप से वसूली करके अपने परिवार के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर किया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा.

बताते चलें कि महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के तहत मंत्री, राजनेता न्यायालय के अधिकारी, मीडिया और अन्य वीआईपी भक्तों को नंदी हॉल तक जाने की अनुमति दी जाती है. वहीं सामान्य भक्तों को 250 रुपए की रसीद कटवा कर बिना लाइन के दर्शन की सुविधा मिलती है इसी प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर यह कर्मचारी भक्तों से ठगी कर रहे थे.

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