DELHI में लगेगा राष्ट्रपति शासन!सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

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Delhi – शराब घोटाले मामले में Ed ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है.केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद भी सीएम के पद से इस्तीफा नहीं दिया है वहीं इस गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और जल्द सुनवाई की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर रात में तो किसी तरह की सुनवाई नहीं की लेकिन ऐसी उम्मीद है कि आज कोर्ट के बैठते ही इस मामले की सुनवाई होगी. इसलिए आम आदमी पार्टी के साथ ही ईडी एवं देशवासियों की नजर इस ओर लगी हुई है.
पूरे देश में चर्चा हो रही है कि यह पहली बार हुआ है किसी सीएम को गिरफ्तार किया गया है और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है और जेल से ही सरकार चलाने की बात कर रहे हैं.तो क्या यह व्यावहारिक रूप से संभव है. अगर सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत मिल जाती है तो फिर वे cm के रूप में आगे कार्य करते रहेंगे, लेकिन फैसला उनके खिलाफ में आता है तो फिर आगे का रास्ता दिल्ली को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जाता है क्योंकि नियमों के अनुसार न्यायिक हिरासत में रहने पर कोई भी व्यक्ति जेल से पत्र लिख सकता है लेकिन वह अधिकारियों से मुलाकात एवं किसी तरह की बैठक नहीं कर सकता है ऐसे में यह कहीं से भी संभव नहीं है कि अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चलावे. आगे का रास्ता या तो आम आदमी पार्टी अपना नया नेता चुनकर नई सरकार बनाने का दावा करें,नहीं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगना तय माना जा रहा है.
अधिकांश लोग मानते हैं कि सीएम अरविंद केजरीवाल भी चाहतें हैं कि अगर वे खुद cm ना रहे तो राष्ट्रपति शासन लगे ताकि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ देश के मतदाताओं में यह मैसेज जाए कि बीजेपी  मोदी सरकार चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को जेल भेजने के साथ ही लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन के जरिए सत्ता चलाना चाहती है.

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