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सपनों को दे नई उड़ान

PAPER LEAK:लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़,

BPSC TRE को लेकर EOU का बड़ा खुलासा, लाखों में बिके क्वेश्चन पेपर

Positive News Live- पेपर लीक के देश के युवाओ के लिए सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार इसके खिलाफ कठोर क़ानून बनाकर सख्त कार्रवाई की बात कहती है, पर देश के अलग अलग राज्यों में पेपर लीक कि घटना हो रही है और लाखो युवाओ कि मेहनत पर पानी फिर रहा है. ताज़ा मामला बिहार से जुडा है, जहां Bpsc द्वारा आयोजित तीसरे चरण कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया है.

बताते चलें कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती को लेकर 15 मार्च को दो फलियां में परीक्षा हुई थी पर परीक्षा से पहले ही इसका पेपर लीक हो गया था. इसकी पुष्टि बिहार कि आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने की है.आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि शिक्षक भर्ती का प्रश्न पत्र परीक्षा से 1 दिन पहले ही गिरोह के हाथ लग गया था.गिरोह ने 10 से 15 लाख रुपये एक-एक अभ्यर्थियों से लिए थे.विभिन्न तरीके से पेन ड्राइव के माध्यम से क्वेश्चन उपलब्ध कराए गए थे.

इस मामले मे आईपीसी की कई धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके साथ ही आईटी की धारा के तहत भी मामला दर्ज किया गया है और मामले की विशेष जांच शुरू कर दी गई है.जाँच एजेंसी कई लोगों को हिरासत में लेकर पहले ही पूछताछ कर रही है. Eou के खुलासे के बाद परीक्षा किसी भी समय रद्द हो सकती है.

पेपर लीक की वजह से अभ्यर्थियों में खासा गुस्सा है. वहीं इस पेपर लीक को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है और अभ्यर्थियों के साथ होने की बात कही है. उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल को याद दिलाते हुए बिहार की NDA सरकार पर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला है तेजस्वी ने लिखा कि –

बिहार में तीसरे चरण की BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक के कारण 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है। आखिर ऐसा क्यों हुआ?

हमने 𝟏𝟕 महीनों में 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी, कभी भी किसी नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ।

हमने केवल 𝟕𝟎 दिनों में दो चरण में 𝟐 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की। शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में 𝟏𝟕 लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद भी कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली। सब नियुक्ति निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई।

अब ऐसी कौन सी ताकत और तत्व बिहार सरकार में है जिसके कारण तीसरे चरण की नियुक्ति के लाखों परिक्षार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?

सनद रहे, तीसरे चरण में भी 𝟏 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का नीतिगत निर्णय हमारे कार्यकाल में हमने कराया था? अब ये NDA सरकार इसे लटका, अटका और भटका क्यों रही है?

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