BPSC की शिक्षक नियुक्ति पर लगेगी रोक ! हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई कर नीतीश सरकार से मांगा जवाब..
शिक्षक नियुक्ति को लेकर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है,15 जुलाई तक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं.
Patna-पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की।सुबोध कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर अगली सुनवाई 29 अगस्त,2023 को होगी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में बड़े पैमाने शिक्षकों की बहाली के लिए 2023 में नया नियमावली बनाया है।इसके तहत राज्य में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है। नयी नियमावली के तहत 2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल होना होगा।
उन्होंने बताया कि नयी नियमावली के अंतर्गत जो शिक्षक बहाल होंगे,उन्हे सरकारी सेवक का दर्जा मिलेगा।जो शिक्षक 2006 से कार्यरत है,उन्हें सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा।
इस नयी नियमावली के अंतर्गत शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा ले कर अनुशंसा करने की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपी गयी है।
इसमें ये भी मुद्दा उठाया गया कि नियमावली 2006 के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के योग्यता और कार्य समान है, पर नियमावली 2023 के अंतर्गत बहाल शिक्षकों का वेतन अलग होगा,जो कि समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
इस मामले में सुनवाई के दौरान हुए बहस में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही और अधिवक्ता अमीष कुमार ने पक्षों को प्रस्तुत किया।इस मामलें पर अगली सुनवाई 29अगस्त,2023 को होगी।
बताते चलें कि बिहार में 6 चरण में शिक्षकों की नियुक्ति सर्टिफिकेट के आधार पर हुई है और सातवें चरण की नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे थे. इस बीच नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए आंदोलन कर रहे थे, पर तेजस्वी के साथ आने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षक नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई है जिसमें अब बीपीएससी प्रतियोगिता परीक्षा लेगी और राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए नियोजित शिक्षकों को भी इस परीक्षा में शामिल होना होगा. सरकार द्वारा बनाई गई नई नियमावली का अभ्यर्थी संघ एवं नियोजित शिक्षक संघ लगातार विरोध कर रहा है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इसी जनहित याचिका पर सुनवाई आज पटना हाईकोर्ट में हुई है जिसमें कोर्ट ने सरकार से पूरे मामले पर जानकारी मांगी है.
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