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जातीय गणना से IAS केके पाठक के अभियान के स्पीड को लगा ब्रेक,जानिए कैसे..

अब अगले आदेश तक ना तो शिक्षकों के लिए कोई प्रशिक्षण होगा और ना ही स्कूलों का निरीक्षण होगा बल्कि अधिकांश शिक्षक जातीय गणना के बचे काम को पूरा कराने में लगेंगे

patna- पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बिहार में जातीय गणना का काम नीतीश सरकार जल्द से जल्द करवा लेना चाहती है इसके लिए उन्होंने सभी जिलाधिकारियो को आदेश भी जारी कर दिए हैं और गणना का शेष बचा काम जल्द ही शुरू होने वाला है. वहीं इस जातीय गणना के काम के शुरू होने की वजह से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के अभियान पर ब्रेक लगा है और उनके पुराने कई आदेश पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग नए आदेश जारी कर रहा है.

 

1 जुलाई से स्कूलों का लगातार चल रहा निरीक्षण का काम अब कुछ दिनों के लिए स्थगित रहेगा क्योंकि एससीईआरटी ने सभी जिला के शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल निरीक्षण की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है वही के के पाठक भी अपने पुराने आदेश पर कुछ दिनों के लिए खुद ही रोक लगा रहे हैं. उन्होंने 1 अगस्त को पत्र लिखकर सभी जिलाधिकारियों से कहा था कि शिक्षकों को किसी भी गैर सरकारी शिक्षण कार्य में नहीं लगाया जाए वही अब इस फैसले के ठीक उलट उन्होंने फिर से एक चिट्ठी लिखी है जिसमें कहा है कि जातीय गणना के काम में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा है कि इस तरह से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाए ताकि कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन ना रहे.
इसके साथ ही शिक्षकों के लिए अलग-अलग चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी तत्काल स्थगित कर दिया गया है और प्रशिक्षण में लगे शिक्षकों को तत्काल जातीय गणना के काम में लगाने का निर्देश दिया गया है.

जातीय गणना को लेकर पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग द्वारा निकाले जा रहे नए नए आदेशों से यही लगता है कि अब शिक्षा विभाग के अधिकांश शिक्षक अगले कुछ दिनों के लिए स्कूलों में पढ़ाने के बजाय हुए जातीय गणना के काम को पूरा कराते नजर आएंगें और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के स्कूलों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के अभियान को थोड़ी दिन के लिए ब्रेक लगेगा. एक अल्पविराम के बाद के के पाठक फिर से अपने अभियान को लेकर फील्ड में नजर आएंगे.

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