नालंदा खुला विवि. का 16 वां दीक्षांत समारोह आयोजित, राज्यपाल ने 27 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से किया सम्मानित

abhishek raj

Patna- बिहार के नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 16 में दीक्षांत समारोह में 27 छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में शामिल बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे अपनी योग्यता और मेधा का उपयोग समाज और देश के हित में करें।

koपटना के बापू सभागार में आयोजित नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपाधि प्राप्त करनेवाले को राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को उनके लक्ष्य के बारे में स्पष्टता होनी चाहिए। उन्हें सिर्फ नौकरी और जीवन की सुख-सुविधाएँ हासिल करने तक ही अपने को सीमित नहीं रखकर समाज के लिए कार्य करने के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनेवाला समय उनकी राह देख रहा है। उन्हें अपने लक्ष्य का निर्धारण इस प्रकार करना चाहिए कि वे आगामी 25 वर्षों के अमृतकाल में देश की प्रगति में अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकें। यह सोचने के बजाय कि देश ने हमें क्या दिया, हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमने देश को क्या दिया।


राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि प्रारंभ से लेकर आज के दीक्षांत समारोह में उपाधि हासिल करने तक की यात्रा में उन्हें समाज के अनेकानेक लोगों का विभिन्न प्रकार से सहयोग मिला है। अब उनका दायित्व है कि वे उनकी चिन्ता करें और उनके लिए कुछ करें।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में सफल छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान करने के अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 27 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। उन्होंने उन्हें भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने माता-पिता, अभिभावकों तथा गुरूजन की उम्मीदों को पूरा करेंगे।
कार्यक्रम में राज्यपाल के साथ ही नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति एवं दूसरे विश्वविद्यालय के शिक्षाविद शामिल हुए.
वही दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज के समारोह में उन्हें कई चीजें सीखने को मिली है और राज्यपाल महोदय ने जिस तरह से खुद के साथ ही समाज के बारे में सोचने और उनके लिए काम करने को लेकर प्रेरित किया है उसका निश्चित रूप से वे लोग पालन करने की कोशिश करेंगे जिससे कि हम अपने परिवार के साथ ही देश को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभा सकें.

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