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सपनों को दे नई उड़ान

6 साल पहले स्वर्गवासी हुए सख्स के खिलाफ बिजली चोरी और छापेमारी में फरार होने का FIR दर्ज

पटना के बाढ में विद्युत विभाग की लापरवाही उजागर

Desk- मरने के बाद मृतक की आत्मा भूत बन के लोगों को सपने में आकर डराती है.. ऐसे किस्से कहानियां तो अक्सर सुनने में मिलती है पर मृतक की आत्मा बिजली भी चोरी करती है और विभाग के छापेमारी करने पर फरार भी हो जाती है …ऐसी पहली बार सुनने को मिला है और यह कारनामा किया है बिहार के पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के विद्युत विभाग के अधिकारियों ने…
उनके लिखित आवेदन पर जब पुलिस ने जांच की तो सभी के होश उड़ गए क्योंकि जो व्यक्ति 6 साल पहले स्वर्गवासी हो चुका है उसके खिलाफ विद्युत विभाग ने बिजली चोरी करने और फिर छापामारी के दौरान फरार होने की लिखित शिकायत दर्ज करवाई है.

मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ विद्युत प्रमंडल के कनीय अभियंता नीतीश कुमार ने बाढ थाने में एक मामला दर्ज कराया है पर पुलिस ने विद्युत विभाग के इस केस की छानबीन की तो इसमें गोलमाल और लापरवाही की बाते सामने आई है.एफआईआर के अनुसार विद्युत विभाग की टीम बाढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत अटनामा गांव में छापेमारी करने गई थी और विद्युत विभाग के अनुसार कथित आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया था,पर पुलिस जांच में वह आरोपी छह साल पहले ही मौत हो गयी है।
इस लापरवाही को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.  जिला पार्षद विजय शंकर ने आरोप लगाया कि दफ्तर में बैठकर छापेमारी की रिपोर्ट विभाग द्वारा तैयार की जा रही है। इसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं।ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.
बतातें चलें कि विद्युत विभाग की टीम ने 4 नवंबर 22 को अटनामा गांव में धर्मवीर प्रसाद के घर पर ऊर्जा चोरी को लेकर छापेमारी की थी ।इस दौरान कनीय विद्युत अभियंता नीतीश कुमार ने लिखित तहरीर देते हुए पुलिस को बताया था कि अभियुक्त धर्मवीर प्रसाद छापेमारी के दौरान घटनास्थल से भाग निकला ।जबकि धर्मवीर प्रसाद की मौत 15 जून 2016 को ही हो गई है। इसकी पुष्टि सरकटी सैदपुर पंचायत के रजिस्ट्रार एवं पंचायत सचिव परविंद्र प्रसाद सिंह चौहान ने सर्टिफिकेट जारी कर की है। बाढ़ पुलिस के द्वारा की जा रही जांच के बाद विभागीय फर्जीवाड़ा का सच उजागर हो गया है ।विद्युत विभाग द्वारा ऊर्जा चोरी रोकने को लेकर अपनाए गए हथकंडे की असलियत इस फर्जी कार्रवाई से सामने आ गई है। विद्युत विभाग के कनीय अभियंता का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने के वजह से विभाग को परेशानी होती है।

 

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