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BPSC चेयरमेन का बयान-शिक्षक भर्ती परीक्षा का जारी होगा सप्लीमेंट्री रिजल्ट

शिक्षक भर्ती परीक्षाफल में अभ्यर्थी और विपक्षी दल लगा रहे हैं धांधली और अनियमितता के आरोप

patna- बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर अभ्यर्थी एवं विपक्षी भाजपा,हम,लोजपा पार्टी के नेता कई तरह के गंभीर आरोप लगा रही है. परीक्षाफल में धांधली की शिकायत की जा रही है. वहीं इस मुद्दे पर बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है.

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बीपीएससी चेयरमेन अतुल प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में एक लाख 21 हजार अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. इन अभ्यर्थियों का योगदान करने के बाद जो सीटें खाली रहेगी उसके लिए अलग से फिर सूची जारी की जाएगी और फिर नए अभ्यर्थियों को मौका मिल सकता है इसलिए कुछ अंकों से मेधा सूची से बाहर रह गए अभ्यर्थियों को अभी परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि समय का इंतजार करने की जरूरत है.

अभ्यर्थियों की मांग और परीक्षा फल में धांधली के आरोपों का जवाब देते हुए अतुल प्रसाद ने कहा कि अभ्यर्थियों की पहली शिकायत है कि फर्जी अभ्यर्थियों का भी परीक्षा फल जारी किया गया है तो वैसे अभ्यर्थियों को यह बताना चाहता हूं कि वह सफल भले ही घोषित हुए हो लेकिन जब तक आवेदन के आधार पर उनके सर्टिफिकेट की जांच नहीं हो जाती है तब तक उन्हें योगदान नहीं कराया जाएगा वहीं दूसरे सवाल की एक ही अभ्यर्थी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं प्राथमिक के लिए उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं. उसका जवाब देते हुए अतुल प्रसाद ने कहा कि यह अभ्यर्थी अलग-अलग कैटेगरी के लिए न्यूनतम अर्हता प्राप्त किए हैं इसलिए इन्हें सफल घोषित किया गया है लेकिन नौकरी इन्हें एक ही जगह मिलेगी और बाकी जो जगह बची रहेगी उसके लिए अलग से हम सूची जारी करेंगे और फिर नए अभ्यर्थियों को उसमें मौका मिलेगा. जो शिकायत अभ्यर्थी कर रहे हैं उसके निदान के लिए आयोग पहले से खुद प्रयासरत है इसलिए अभ्यर्थियों को ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए वही एक अन्य सवाल की 2019 के एसटेट सर्टिफिकेट के आधार पर दूसरे राज्य के अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं जबकि 2019 में बिहार में डोमिसाइल नीति लागू थी यानी राज्य के बाहर का कोई भी अभ्यर्थी एसटेट की परीक्षा नहीं दे सकता है तो उन्हें किस आधार पर सफल घोषित किया गया है इस सवाल का जवाब देते हुए अतुल प्रसाद ने कहा कि चुकी उन्होंने आवेदन में एसटेट का जिक्र किया था इसलिए उनका परीक्षा फल घोषित किया गया है. अब देखना है कि उनका सर्टिफिकेट सही है या फर्जी है अगर सर्टिफिकेट सही होगा तो उन्हें नियुक्ति पत्र दी जाएगी अगर फर्जी होगा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी अब यह सवाल की 2019 का एसटेट डिग्री उनके पास कहां से आया तो इसमें गहन छानबीन की जरुरत है और यह छानबीन लंबे समय तक किया जा सकता है. अगर इन लोगों ने फर्जी तरीके से डिग्री ली है तो फिर इन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. कुल मिलाकर बीपीएससी के अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों एवं विपक्षी दलों की तरफ से उठाए जा रहे सभी सवालों का क्रमवार जवाब देते हुए कहा कि बीपीएससी ने योग्यता के आधार पर परीक्षा फल घोषित किया है और प्रमाण पत्रों की सही जांच के बाद ही उन्हें योगदान कराया जाएगा इसलिए किसी भी अभ्यर्थी को परेशान होने की जरूरत नहीं है इन अभ्यर्थियों के योगदान के बाद जो सीट बचेगी उसके लिए दूसरी सूची भी जारी की जाएगी.

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