Patna :- बिहार के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में अपना जौहर दिखा सकेंगे क्योंकि बिहार की नीति सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. इससे पहले सरकार ने मेडल लो नौकरी पर योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत कई महिला एवं पुलिस खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर नौकरी मिल चुकी है, वहीं अब पंचायत स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को खेलने का उचित प्लेटफार्म मिल सके.
आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के मुख्यमंत्री आवास स्थित ‘संकल्प’ से ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदान के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के, 533 प्रखंडों के, 5671 ग्राम पंचायतों में प्रथम चरण में 6659 खेल मैदानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें कुल 63,827.35 लाख रुपये की राशि सन्निहित है। खेल मैदान निर्माण कार्य में अनुमानित 41 लाख मानव दिवस का सृजन होगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कार्यारंभ की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बताते चलें कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल कूद के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ खेल की आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं।खेल मैदान के विकास के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उत्साहवर्द्धन भी होगा। खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के बीच खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्द्धाओं के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। खेल मैदान के विकास के क्रम में ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
भूमि की उपलब्धता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न तीन प्रकार के खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं। पहले प्रकार के खेल मैदान बड़े आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 04 एकड़ तक का है। बड़े खेल मैदान में गाँव के युवाओं को खेलने के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद, लम्बी कूद, कबड्डी और खो-खो खेलों की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी। दूसरे प्रकार के खेल मैदान मध्यम आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 01 से 1.5 एकड़ तक का है। मध्यम आकार के खेल मैदान में क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद और लम्बी कूद की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी। तीसरे प्रकार के खेल मैदान छोटे आकार के हैं जिनका क्षेत्रफल एक एकड़ से कम है। इसमें कुल चार प्रकार की खेल सुविधाओं बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन को शामिल किया गया है।