DY.CM सम्राट चौधरी के FIRST ‌वैकेंसी में ही बवाल,अभ्यर्थियों ने सरेआम घेरा,जानें पूरा मामला..

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POSITIVE NEWS LIVE:- बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी अपने विभाग में करीब 60 हजार भर्तियां जल्द कराने की योजना पर काम कर रहें हैं.इसके लिए सबसे पहले संविदा के आधार पर 4500 कम्युनिटी हेल्थ अफसरों की बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया है,पर इस विज्ञापन के बाद बवाल मचा है और अभ्यर्थी सड़क आन्दोलन कर रहे हैं.आज सैकड़ों अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का घेराव किया और बहाली के विज्ञापन में बदलाव की मांग की.इस दौरान सम्राट चौधरी के सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
दरअसल बिहार की राज्य स्वास्थ्य समिति ने 4500 कम्युनिटी हेल्थ अफसरों के लिए विज्ञापन जारी किया है.इसमें सभी सीटें आरक्षित कोटा की है.इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 1345, अत्यंत पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 331, पिछड़ा वर्ग के लिए 702, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 259, अनुसूचित जाति के लिए 1279, अनुसूचित जाति महिला के लिए 230 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 223 पद रखे हैं,पर सामान्य वर्ग के लिए एक भी सीट नहीं रखा गया है.इससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी काफी नाराज हैं.हलांकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में भी सामान्य जाति के अभ्यर्थी ही शामिल होतें हैं,पर इसकी संख्या काफी कम 223 है.इससे सामान्य जाति से जुड़े अभ्यर्थियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है.

वहीं जब अभ्यर्थियों ने जब ये मामला उठाया तो विभाग के मंत्री और सरकार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मामले पर अनभिज्ञता जताई और अपने अधिकारियों से बात करके उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया .उन्होंने कहा किसी को निराश नहीं किया जाएगा, जिसका जो हक है वह उसे दिया जाएगा।मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने आरक्षण रोस्टर के हिसाब से इन पदों पर बहाली निकाली है.सामान्य कोटि की सीटें फूल बताई जा रही है.इसलिए आरक्षित वर्गों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है,पर यह विज्ञापन वर्तमान सरकार और सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के लिए जी का जंजाल बन गया है.क्योंकि सामान्य जाति के अभ्यर्थियों के आन्दोलन के बाद अगर आरक्षित श्रेणी की सीटें घटाई जाती है तो संबंधित कोटी के अभ्यर्थी नाराज हो जाएंगे और विभाग को आरक्षण के रोस्टर कि हिसाब से ही नियुक्ति करनी है.अब देखना है कि स्वास्थ्य मंत्री और उनका विभाग बीच का क्या रास्ता निकालता है.

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