PATNA- राजधानी पटना के बीचो-बीच महिला अधिवक्ता के साथ लूटपाट की घटना को लेकर पटना हाईकोर्ट काफी गंभीर नजर आयी और पूरे मामले में अब तक की गई कार्रवाई को लेकर पटना एसएसपी से रिपोर्ट की मांग कर दी है . कोर्ट ने तल्ख लहजे में सवाल किया कि अगर राजधानी की सड़कों पर महिला अधिवक्ता अगर सुरक्षित नहीं है तो फिर आम लोगों के बारे में क्या कहा जा सकता है.
दरअसल पटना हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता प्रियम के साथ बुधवार को पटना म्यूजियम के सामने लूटपाट की घटना हुई थी.इस मामले को आज चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ के समक्ष बिहार फेडरेशन ऑफ वीमेन लॉयर्स की तरफ से याचिका दायर की गई थी.कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना एसएसपी को इस मामले में की गयी कार्रवाई का रिपोर्ट 18 सितम्बर,2023 को पेश करने का आदेश दिया है।
बिहार फेडरेशन ऑफ वीमेन लॉयर्स ने आज चीफ जस्टिस के कोर्ट में इस घटना का जिक्र करते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया था।उन्होंने कोर्ट को बताया कि बुधवार को महिला अधिवक्ता प्रियम अपनी तीन वर्षीय बेटी के साथ पटना स्थित नये म्यूजियम के सामने से आ रही थी।उसी समय तीन लुटेरों ने उनकी बेटी को अपने कब्जे में ले कर व उसे मारने की धमकी दे कर गहने और अन्य बहुमूल्य सामान लूट लिया।जब उन्होंने घटना की जानकारी वहां मौजूद मोबाइल पुलिस को दी,तो उन्होंने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की और उन्हें थाना जाने को कहा।इसके बाद पीड़िता इस मामलें की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कोतवाली थाना पहुंची तो पुलिस उन्हें तीन घंटे थाने मे बैठाये रखा और उसके बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
इसके बाद बिहार फेडरेशन ऑफ वीमेन लॉयर्स की ओर ये मामला चीफ जस्टिस के कोर्ट में रखा गया।कोर्ट ने इस मामलें को गंभीरता से लेते हुए पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को तलब किया।कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि इस मामलें में अब तक क्या कार्रवाई की गयी है।कोर्ट उन्हें 18 सितम्बर,2023 तक पूरी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।