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गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने का मामला पहुंचा पटना हाईकोर्ट, अब क्या करेगी नीतीश-तेजस्वी की सरकार

पिछले साल भी इस पुल का एक हिस्सा टूटकर गिरा था

Desk- भागलपुर के अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के बाद बिहार की राजनीति गर्म है विपक्षी बीजेपी नीतीश और तेजस्वी की सरकार पर हमलावर है और इस्तीफे की मांग कर रहा है वही सीएम नीतीश कुमार ने जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं वही इस पुल के ध्वस्त होने का मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.
इसके लिए पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है ।ये जनहित पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर की ओर से दायर की गयी है।

मणिभूषण ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है।ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था ।इसलिए इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी या न्यायिक जांच कराया जाये और जो भी दोषी और जिम्मेदार हैं,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने अपने जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये।

बताते चलें कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था,लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं करायी गयी।इतने कम समय में दुबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है

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