PATNA- ऐसा लगता है जैसे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक चारो तरफ से घिरते नजर आ रहे हैं. शिक्षक भर्ती मामले में प्रमाण पत्रों की जांच में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाने के मुद्दे पर बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद से टकराव मामले मे सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को उन्हें तलब किया था जिसके बाद उन्हें मंगलवार को बीपीएससी कार्यालय जाकर मीटिंग करनी पड़ी, वहीं दूसरी ओर पटना हाईकोर्ट से केके पाठक को बड़ा झटका लगा है. पटना हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में केके पाठक के खिलाफ 20 हजार का आर्थिक जुर्माना लगाया है.
पटना हाई कोर्ट के जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने संगीता कुमारी द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ 20 हजार आर्थिक जुर्माना का ये आदेश दिया है।
ये मामला राज्य में शिक्षक नियोजन से सम्बन्धित है। पटना हाई कोर्ट ने 9 सितम्बर,2023 को याचिकाकर्ता संगीता कुमारी को शिक्षक नियोजन मामलें में राज्य सरकार को अभ्यावेदन देनें का निर्देश दिया था और साथ ही सम्बन्धित विभाग को दो माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुंदन कुमार ने बताया कि याचिकाकर्ता के विभाग द्वारा भेदभाव किया गया।उन्हीं की तरह दूसरे उम्मीदवारों को शिक्षक नियोजन का लाभ मिला,लेकिन याचिकाकर्ता संगीता इससे वंचित रही।उन्होंने बताया कि कोर्ट ने लगभग तीन वर्षो तक कोई निर्णय नहीं लिया। पारित फ़ैसले से संबंधित है जिसके अंतर्गत हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर दो माह के भीतर फैसला देने का निर्देश दिया था।लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा समय सीमा के भीतर फ़ैसला नहीं लिया गया ।
इस पर याचिकाकर्ता ने शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये से विवश होकर हाई कोर्ट के समक्ष अवमानना वाद दायर किया था।कोर्ट ने उक्त आदेश के साथ ही अवमानना वाद की कार्रवाई समाप्त करते हुए मामलें को निष्पादित कर दिया।
इस मामलें में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कुंदन कुमार ने और अपर मुख्य शिक्षा सचिव की ओर से अधिवक्ता नरेश दीक्षित और राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील विकास कुमार ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को रखा।