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जल्दीबाजी में नीतीश सरकार,पटना हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद DM को जातीय गणना कराने का दिया निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने के खिलाफ दायर सभी याचिका खारिज की

patna- जातीय गणना पर लगी रोक हटाए जाने और इसके खिलाफ दायर सभी याचिका को पटना हाईकोर्ट से खारिज किए जाने से बिहार की नीतीश सरकार और महागठबंधन में शामिल दलों के नेता उत्साहित हैं और इस गणना के शेष काम को जल्द से जल्द पूरा कराने की तैयारी कर रहे हैं ताकि याचिकाकर्ता के सुप्रीम कोर्ट जाने और वहां से किसी तरह का आदेश आने से पहले ही यह काम पूरा कर लिया जा सके.
हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है और पिछले आदेश से जातीय गणना पर लगी रोक को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है यानी जातीय गणना का बचा हुआ काम अब जल्द ही शुरू हो जाएगा.

वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं का बयानबाजी लगातार जारी है. सत्ताधारी आरजेडी एवं जेडीयू के नेता विपक्षी बीजेपी पर हमलावर हैं और परोक्ष रूप से जातीय गणना को रोक लगाने की मुहिम में बीजेपी का समर्थन होने का आरोप लगा रहे हैं और उनके प्रयास के विफल होने की बात कर रहे हैं.जेडीयू नेता सह मंत्री विजय चौधरी और आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया और बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा, जबकि बीजेपी के नेता भी पटना हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी जातीय गणना के विरोध में नहीं थी उनकी पार्टी ने विधानसभा में सर्वसम्मति से जातीय गणना कराने के फैसले का समर्थन किया था .वही पीएम मोदी से मिलने वाली सर्वदलीय टीम में भी बिहार बीजेपी के नेता शामिल हुए थे.
बताते चलें कि जातीय गणना सामाजिक के साथ ही एक राजनीतिक मुद्दा भी है. महागठबंधन के नेता अब इस मुद्दे को बिहार से आगे ले जाकर पूरे देश में इसकी चर्चा करेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में इसे अहम मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगे वहीं बीजेपी इस मुद्दे पर किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में है वह ना तो इस मुद्दे का पूरी तरीके से विरोध कर पा रही है और ना ही अंतरात्मा से इसका समर्थन कर पा रही है क्योंकि जाति का मुद्दा हावी होने से बीजेपी के हिंदू वोट बैंक पर असर पड़ सकता है यही वजह है कि बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मिलने के बाद पीएम मोदी और केंद्र सरकार ने देश भर में जातीय गणना कराने से इंकार कर दिया था जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अपने स्तर से राज्य में जातीय गणना कराने का फैसला किया था, और इस फैसले के बाद जातीय गणना का काम बिहार में शुरू भी हो गया था. अधिकांश काम पूरा भी हो गया था .इस बीच इस गणना के खिलाफ कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए थे और फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी गया था. इस बीच पटना हाईकोर्ट ने मई माह में अंतरिम आदेश देते हुए जातीय गणना पर रोक लगा दी थी लेकिन बिहार सरकार के जोरदार तरीके से पक्ष रखने के बाद अंतिम फैसले में पटना हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले पर रोक लगाते हुए बिहार सरकार को जातीय गणना कराने को लेकर हरी झंडी दे दी है. अब याचिकाकर्ता ने पटना हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की घोषणा की है .यही वजह है कि सरकार जल्दी बाजी में जातीय गणना का काम पूरा करा लेना चाहती है और पटना हाईकोर्ट के आदेश आने के तुरंत बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को इस गणना का बचा हुआ काम शुरू कराने का निर्देश दे दिया है.

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