Desk- देश की नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं वही इस उद्घाटन समारोह का बिहार की आरजेडी एवं जेडीयू के साथ ही देश की 20 राजनीतिक पार्टियों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है.. विपक्षी दलों के बहिष्कार के ऐलान के साथ ही देश की राजनीति में इस मुद्दे को लेकर लगातार बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.
बहिष्कार की घोषणा के साथ ही बिहार में जेडीयू के नेता संसद भवन के उद्घाटन के समय अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे कुछ इसी तरह का माहौल पूरे देश भर में दिखने वाला है जहां विपक्षी पार्टियां विरोध प्रदर्शन और मार्च निकालने वाली है.
देश की संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर इस तरह की राजनीति हमें बताती है कि सभी राजनीतिक दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और इस सिलसिले में कई माह से बिहार के सीएम नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.. 20 दलों की एक मुद्दे पर सरकार का विरोध करना यह बताता है कि नीतिश कुमार की मूहिम रंग लाने लगी है।रविवार को नीति आयोग की नीतीश एवं ममता समेत कई मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया था.
इस तरह का विरोध प्रदर्शन आज से 10 साल पहले 2013 की याद दिलाने लगा है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री और अभी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभियान चलाने लगे थे 2013 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लाल किले से दिए जा रहे भाषण के जवाब में दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात से देशवासियों को संबोधित कर रहे थे उस समय नरेंद्र मोदी पर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और स्वतंत्रता दिवस समारोह को अपमानित करने का आरोप कांग्रेस सरकार ने लगाया था.इस समय कुछ इसी तरह का आरोप बीजेपी सरकार विपक्षी दलों पर लगा रही है।
आज के नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बहाने शुरु हुई विपक्षी दलों की एकता आगे भी जारी रहती है और विपक्षी दल इसी तरह मोदी सरकार के खिलाफ आक्रमक राजनीति करते हैं तो यह मानकर चलना चाहिए कि 2024 का लोकसभा क चुनाव काफी दिलचस्प और संघर्षपूर्ण होने वाला है।