PATNA- बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नया आदेश जारी किया है जिसमें वैसे शिक्षकों को चिन्हित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है जो बच्चों को पढ़ने में कमजोर साबित हो रहे हैं ऐसे शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग अलग से ट्रेनिंग देगी उन्हें पढ़ाने के लायक बनाएगी और उसके बाद स्कूलों में उनकी सेवा लेगी.
इस ट्रेनिंग का लाभ उन शिक्षकों को आने वाले दिनों में विशेष रूप से मिलेगा क्योंकि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए शिक्षा विभाग की आंतरिक परीक्षा में शामिल होना होगा इसके लिए उन्हें तीन चांस दिया जाएगा और उसे परीक्षा में पास होने पर विशेष शिक्षक का दर्जा मिलेगा और उनकी सुविधा भी बढ़ जाएगी लेकिन जो शिक्षक तीन चांस में भी सफल नहीं हो पाएंगे उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है. इसलिए कमजोर शिक्षकों को खुद को मजबूत करने के लिए शिक्षा विभाग अवसर दे रहा है और इसके लिए केके पाठक के निर्देश पर राज्यभर में कमजोर शिक्षकों की पहचान की जाने लगी है .शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारी कमजोर शिक्षकों की पहचान कर रहे हैं. जिला वार पहले इसकी लिस्ट बनेगी और यह फिर शिक्षा विभाग के मुख्यालय को जाएगी और वहां से शिक्षा विभाग द्वारा विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था इन कमजोर शिक्षकों के लिए की जाएगी ट्रेनिंग का इंतजाम जिला स्तर पर डायट सेंटर में किया जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार बिहार में चार लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षक हैं इनमें से कई शिक्षकों ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होकर सफलता पाई है वही एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 फीसदी शिक्षक-शिक्षिकाएं ऐसी हैं जो पढ़ाने में अपेक्षाकृत कमजोर हैं ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करके विभाग अलग से ट्रेनिंग देगी ताकि सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता बेहतर हो सके वहीं छात्रों के साथ ही इन शिक्षकों को भी इस प्रशिक्षण का व्यक्तिगत रूप से लाभ मिल सकेगा.