अपने CM की आलोचना करना सरकारी शिक्षक को पड़ा महंगा..शिक्षा विभाग ने किया निलंबित
कर्नाटक के एक शिक्षक ने सिद्धारमैया को कर्ज लेकर मुफ्त की रेवड़ी बांटने वाला बताया था
Desk- अपने सीएम को कर्ज लेकर रेवरी बांटने की संज्ञा देना एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को महंगा पड़ गया और शिक्षा विभाग ने उसे निलंबित कर दिया है शिक्षक के निलंबन के समर्थन और विरोध में कई तरह के चर्चा की जा रही है.
शिक्षक के निलंबन का यह मामला कर्नाटक का है जहां भारी बहुमत से जीत के बाद सिद्धारमैया ने सीएम पद की शपथ ली है और उनके साथ डिप्टी सीएम के रूप में डीके शिवकुमार समेत अन्य मंत्रियों ने शपथ लिया है सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने पर कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने सोशल मीडिया पर उनको कर्ज लेकर रेवड़ी बांटने वाला सीएम बताया था जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है.
मिली जानकारी के अनुसार राज्य के चित्रदुर्ग के होसदुर्गा में कनुबनहल्ली सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक शांतामूर्ति एमजी राज्य सरकार और इसके मुफ्त उपहारों के आलोचक थे।इसलिए उन्हौने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ‘मुफ्त उपहार दिए बिना आप और क्या कर सकते हैं? स्कूल शिक्षक ने अपने पोस्ट में राज्य के 7 अलग-अलग सीएम कार्यकाल के दौरान हुए कर्ज का जिक्र किया था।
शिक्षक के पोस्ट के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान 3,590 करोड़ रुपये का कर्ज, धरम सिंह के कार्यकाल के दौरान 15,635 करोड़ रुपये का कर्ज, एचडी कुमारस्वामी के कार्यकाल के दौरान 3,545 करोड़ रुपये का कर्ज, बीएस येदियुरप्पा के शासनकाल के दौरान 25,653 करोड़ रुपये का कर्ज, डीवी सदानंद गौड़ा के कार्यकाल के दौरान 9,464 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टार के दौरान 13,464 करोड़ रुपये और सिद्धारमैया के शासनकाल के दौरान दो लाख 42,000 करोड़ का कर्ज था। यानी सीएम बनने के बाद सिद्धारमैया फिर से कर्ज लेकर रेवरी बाटेंगे और जैसा कि ज्ञात है कांग्रेस पार्टी ने कई तरह के मुफ्त समान और सुविधा देने का वादा चुनाव में किया था और सिद्धारमैया की सरकार ने पहले ही कैबिनेट में इस पर मुहर लगाई है
शिक्षक के शांतामूर्ति एमजी की ओर से इस पोस्ट के शेयर किए जाने के बाद क्षेत्र शिक्षा अधिकारी एल जयप्पा ने उनके निलंबन आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया कि निलंबित शिक्षक शांतामूर्ति ने शनिवार को सिद्धारमैया के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दौरान पिछली सरकारों के दौरान किए गए ऋणों का उल्लेख करके सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन किया था। निलंबन के साथ ही उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है और उनके जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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