Positive News
सपनों को दे नई उड़ान

शिक्षक बहाली पर रार… आन्दोलनकारियों पर शिक्षा विभाग के कार्रवाई के आदेश को संघ ने बताया तुगलकी फरमान.. भाकपा माले ने भी सरकारी आदेश का विरोध किया

नई नियमावली के तहत BPSC को मिली है शिक्षक नियुक्ति की जिम्मेवारी, जल्द निकलने वाला है विज्ञापन

Patna- नई शिक्षक नियमावली के तहत होने वाले भर्ती को लेकर बीपीएससी ने सिलेबस जारी कर दिया है और जल्द ही विज्ञापन निकालने वाली है. वही इस नई नियमावली के तहत हो रहे शिक्षक बहाली को लेकर बिहार सरकार और शिक्षक संघ आमने-सामने आ गए हैं शिक्षक संघ के आंदोलन करने पर शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई करने को लेकर जारी किए गए आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षक संघ ने इसे तुगलकी फरमान बताया है और सरकार के इस आदेश से नहीं डरने की बात कही है. शिक्षक संघ को महागठबंधन की सरकार के सहयोगी वामपंथी दलों का भी सहयोग मिल रहा है और आंदोलन करने पर शिक्षा विभाग की कार्रवाई को लेकर जारी आदेश को भाकपा माले ने गलत बताया है .

माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार की सरकार शिक्षक पर करवाई को लेकर पत्र निकालकर लोकतंत्र की हत्या करवाना चाहती है ।
बिहार बापू की कर्मभूमि रही है और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने से रोकना कराना मौलिक अधिकार का हनन है .माध्यमिक शिक्षक संघ इसी महीने से अपना आंदोलन करेगी

वहीं भाकपा माले ने भी शिक्षक संघ के आंदोलन का समर्थन किया है और नीतीश तेजस्वी की सरकार से नई नियमावली के तहत होने वाली शिक्षक भर्ती पर पुनर्विचार करने की मांग की है.भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नई शिक्षक नियमावली 23 का विरोध कर रहे आंदोलित शिक्षकों के साथ वार्ता की बजाए सरकार आंदोलन करने पर कार्रवाई की धमकी दे रही है, यह बेहद निंदनीय व अलोकतांत्रिक है. हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हैं कि दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के उक्त आदेश को तत्काल वापस लिया जाए, जिसमें शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई है. सरकार को शिक्षकों की बातें सहानुभूतिपूर्वक सुननी चाहिए और उसका समुचित हल भी निकालना चाहिए. दमन की भाषा का इस्तेमाल करना कोई समाधान नहीं है.

कुणाल ने कहा कि सरकार जो नई शिक्षक नियमावली लेकर आई है, उसमें परीक्षा के प्रावधान को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है और वे लगातार आंदोलनरत भी हैं. हमारी पार्टी ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है. इस देश में हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करने का अधिकार है. ऐसे में महागठबंधन की सरकार ऐसा फरमान कैसे ला सकती है?

उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षक नियमावली में संशोधन को लेकर बिहार की तीन प्रमुख वाम पार्टियां एकजुट है और हमने राजद, कांग्रेस, जदयू व हम (से) के नेताओं से भी मुलाकात की थी. हमें उम्मीद थी कि सरकार इस गतिरोध का कोई सकारात्मक हल निकालेगी, लेकिन हो उलटा रहा है. हमारा मानना है कि महागठबंधन के घोषणापत्र 2020 के अनुसार सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राजकीय शिक्षक का दर्जा मिलना चाहिए.

बताते चलें की नई नियुक्ति को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने बहिष्कार करने और आंदोलन करने का ऐलान किया था उसके बाद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने राज्य के सभी क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी करते हुए आदेश दिया था कि कोई भी सरकारी कर्मी शिक्षक नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन या अन्य सरकार विरोधी गतिविधि में शामिल होते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें.

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More