Desk :- ट्रेनी IAS अधिकारी के रूप में पावर का हनक दिखाने वाली पूजा खेडकर अब कभी भी गिरफ्तार हो सकती है क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. संघ लोक सेवा आयोग(UPSC ) ने पहले ही सिविस सर्विसेज एग्जाम में धोखाधड़ी करने, फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने और ओबीसी कोटे का अनुचित लाभ लेने का आरोप में उनकी सेवा समाप्त कर चुकी है।
इन सभी मामलों के सामने आने के बाद पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया था। यूपीएससी ने भी झूठा हलफनामा देने और न्यायिक प्रक्रिया में हेरफेर के आरोप लगाए थे। इन सभी केसों से राहत पाने के लिए पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, पर हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रधारी सिंह की सिंगल बेंच ने पूजा खेडकर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले 27 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर तत्काल स्टे लगा दिया था, पर अंतिम फैसले में जमानत की याचिका खारिज कर दी है.
हाई कोर्ट ने कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पूजा खेडकर की ओर से उठाए गए कदम सिस्टम में हेरफेर करने की बड़ी साजिश थी। यह मामला अब न सिर्फ संवैधानिक संस्था यूपीएससी बल्कि समाज में बड़े पैमाने पर व्याप्त धोखाधड़ी का बड़ा उदाहरण बन गया है। खेडकर को जमानत देने से साजिश का पता लगाने के लिए जारी जांच प्रभावित होगी। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पहली नजर में कोर्ट यह मानता है कि यह एक मजबूत मामला है और खेडकर का आचरण एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इसका खुलासा तभी हो सकता है जब जांच एजेंसी को जांच करने का मौका दिया जाए।