इंतजार खत्म::BPSC एक-दो दिन में निकालेगी विज्ञापन,अब क्या करेगें शिक्षक अभ्यर्थी ?
अपीयरिंग कैंडिडेट को भी परीक्षा में बैठने का मिलेगा मौका,पर निगेटिव मार्किंग होगी
Desk- शिक्षक बहाली को लेकर अभ्यर्थियों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) अगले 1 से 2 दिन में 1 लाख 70 हजार 461 पदों के लिए विज्ञापन जारी करने जा रही है, और ऐसी संभावना है कि 15 जून के आसपास से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएगा. बीपीएससी ने परीक्षा के प्रारूप को फाइनल कर लिया है.
दरअसल विज्ञापन निकालने से पहले बीपीएससी के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ 2 दिन तक मैराथन बैठक की है. इस बैठक के बाद अभ्यर्थियों के लिए कई तरह की राहत देने का फैसला हुआ है..जबकि अभ्यर्थियों की नेगेटिव मार्किंग खत्म करने की मांग को पूरा नहीं किया गया है यानी बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होगी.
वही अपीयरिंग कैंडिडेट को परीक्षा में बैठने का अवसर देने की मांग को बीपीएससी ने मान लिया है और डीएलएड, B.ed और सीटेट के अपीयरिंग कैंडिडेट इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और परीक्षा में भी बैठ सकेंगे, बशर्ते उन्हें 31 अगस्त 2023 तक अपने कोर्स को पूरा करना होगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्कूल के परीक्षा पैटर्न पहले की तरह ही रहेगा और सिलेबस का आधार SCERT होगा,जबकि 9-12 के लिए सिलेबस NCERT पर आधारित होगा. .भाषा के लिए 100 नंबर के पेपर के लिए 2 घंटे का समय मिलेगा.और इसमें पास करना अनिवार्य होगा,वहीं मेन बिषय में अब 150 की जगह मात्र 120 प्रश्न पूछे जाएंगे..और मेधा सूची मेन बिषय में मिले अंको के आधार पर ही बनेगा.
एक पद के लिए अभ्यर्थी को एक पेपर देना होगा जबकि दो पद के लिए दो पेपर की तैयारी करनी होगी.
बताते चलें कि बीपीएससी ने अगस्त माह में परीक्षा लेने का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया है..वहीं परीक्षा के 2 से 3 महीने के भीतर रिजल्ट जारी करने की तैयारी आयोग द्वारा की जा रही है.
बीपीएससी और शिक्षा विभाग की बैठक में परीक्षा का प्रारूप अंतिम रूप से तैयार हो गया है इसमें अभ्यर्थियों की कई मांगे मानी गई है जबकि कई मांगों को खारिज कर दिया गया है अब देखना है कि शिक्षक अभ्यर्थी बीपीएससी द्वारा निकाले जाने वाले विज्ञापन के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं वे बीपीएससी के प्रारूप को पूरी तरह से मान लेते हैं या फिर अपना विरोध जारी रखते हैं.
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