Patna- बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 261885.4 करोड़ का बजट पेश किया है इस बजट में मुख्य रूप से युवा शक्ति बिहार की प्रगति. 10 लाख युवाओं को रोजगार की योजना. युवाओं को सरकारी नौकरी के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रमुख है।Bpsc में 49000 पद ,एसएससी के लिए 2900 समेत कुल 63900 पदों पर बहाली की प्रक्रिया जारी होने की बात कही गई है वही पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पदो की स्वीकृति के साथ ही 40506 प्रधान शिक्षक की बहाली .44193 माध्यमिक और 89724 उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली की बात कही गयी है.
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने विजय चौधरी नै राज्य के लिय विशेष राज्य के दर्जे की मांग केंद्र की मोदी सरकार से की. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 261885.4 करोड़ का बजट पेश किया गया जबकि पिछले वर्ष का बजट 237691 करोड़ का बजट था.
विजय चौधरी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 21-22 में आर्थिक विकास दर के मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे नंबर पर है. पिछले 10 वर्षों में बिहार की अर्थव्यवस्था तीन गुनी हो गई है. एक तरफ जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 6 फीसदी है, देश की 8.7 फीसदी है वहीं बिहार का आर्थिक वृद्धि दर 10.58 फीसदी है. बिहार का आर्थिक विकास दर दहाई अंक में ही रहेगा. मंत्री विजय चौधरी ने आरोप लगाया कि जून 2022 से केंद्र सरकार ने जीएसटी कंपनसेशन देना बंद कर दिया है. बिहार की 4 योजनाओं में केंद्र ने बिहार की योजनाओं को स्वीकार किया है. हर घर नल का जल, जीविका, हर घर बिजली और जल जीवन हरियाली. इन सभी 4 योजनाओं को केंद्र सरकार ने बिहार के बाद ही लागू किया है.
बजट भाषण के दौरान विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना मई 2023 तक पूरी कर ली जाएगी,जिसके आधार पर समाज के सभी वर्गों के लोगों के विकास की योजना बनेगी.
बिहार सरकार 10 लाख नौकरी देने की कार्रवाई कर रही है.वहीं केंद्र सरकार ने पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा छात्रवृत्ति योजना को बंद कर दिया है.अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले चौथे कृषि रोड मैप में दलहन, तिलहन और पोषक अनाज पर विशेष फोकस रहेगा.
इस बजट में सबसे ज्यादा राशि शिक्षा विभाग के लिए आवंटित की गई है जबकि सबसे कम खनन विभाग के लिए आवंटित हुआ है बजट के अनुसार.शिक्षा विभाग- 40450.91 करोड़, स्वास्थ्य विभाग- 16966.42 करोड़, पथ निर्माण- 5918.87 करोड़, भवन निर्माण- 4721.48 करोड़, ग्रामीण कार्य- 11568 करोड़, योजना विकास- 2216 करोड़, पीएचईडी- 2340 करोड़, श्रम संसाधन- 864 करोड़, ऊर्जा विभाग- 11536 करोड़, विज्ञान- 803 करोड़, आपदा प्रबंधन- 5265 करोड़, खाद्य उपभोक्ता-1242 करोड़, पर्यटन विभाग- 417 करोड़, गृह विभाग -14266 करोड़, मंत्रिमंडल सचिवालय- 502 करोड़, सूचना जन संपर्क- 148 करोड़, निर्वाचन- 231 करोड़, संसदीय कार्य- 8.63 करोड़, सामान्य प्रशासन- 881 करोड़, कला-युवा-331 करोड़ विधि- 1167 करोड़, निगरानी- 45.95 करोड़, वित्त विभाग- 2547 करोड़, कृषि विभाग-3639 करोड़, पशु एवं मत्स्य-1509 करोड़, सहकारिता- 1190 करोड़, जल संसाधन-4378 करोड़, लघुजल संसाधन- 1020 करोड़, पंचायती राज- 10419 करोड़, ग्रामीण विकास- 15452 करोड़, नगर विकास-9709 करोड़, पर्यावरण एवम वन-781 करोड़, उद्योग विभाग-1648 करोड़, गन्ना उद्योग 123 करोड़, समाज कल्याण- 8210 करोड़, पिछड़ा अति पिछड़ा 1787 करोड़, अनुसूचित जाति जनजाति-1805 करोड़, अल्पसंख्यक कल्याण- 635 करोड़, राजस्व भूमि सुधार- 1548 करोड़, मद्य निषेध,उत्पाद निबंधन-600 करोड़, वाणिज्य कर- 177 करोड़, परिवहन- 434 करोड़, खान भूतत्व-61.9 करोड़ आवंटित करने का प्रस्ताव रखा गया है।