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तोप गोला फटने से हुई मौत पर सेना के दावे पर चौकीदार ने उठाये सवाल

गया जिला के बाराचट्टी के गुलरवेद में तीन की हुई थी मौत

Desk- गया जिला के बाराचट्टी थाना के करीब 9 गांव के हजारों लोग पलायन करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि येलोग चौबीसों घंटे भय के साए में जी रहे हैं.
बताते चलें कि बाराचट्टी के गूलरवेद गांव में 8 मार्च की दिन तोप का गोला फटने से तीन की मौत हो गई थी,जबकि कई जख्मी हो गए थे,जिनका इलाज एएनएमसीएच में चल रहा है. घर के पास जानवरों का भी नुकसान हुआ था और मकानों को भी क्षति पहुंची थी.

इस घटना को लेकर सेना के अधिकारी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि घटना के दिन फायरिंग अभ्यास नहीं किया है ।उनके द्वारा यह भी कहा गया है कि फायरिंग पहले हुई है और गोलियां, तोप के गोले कभी कभी ब्लास्ट नहीं होता है जिसे गांव वाले खोज कर ले जाते हैं . और उसे तोड़ कर पीतल निकालने का काम करते हैं . उसी घटना से इन लोगों की मौत हुई है .

वहीं बाराचट्टी थाना के चौकीदार रामचरित्र यादव सेना के दावे पर सवाल उठा रहा है मीडिया से बात करते हुए चौकीदार ने कहा कि सुबह 6:30 बजे मेरे मोबाइल पर फायरिंग रेंज ऑफिसर ने फोन किया और कहा कि चौकीदार गांव वालों को जाकर सूचना दे दो कि आज फायरिंग होगी तोप के गोले का अभ्यास किया जाएगा . जिस नंबर से फोन आया था उस अधिकारी को रामचरित्र यादव ने कहा कि सर ,होली का दिन है,आज छोड़ दिया जाए तो अधिकारी ने कहा कि सुबह 7 से 10 बजे तक फायरिंग अभ्यास करेंगे और बंद कर देंगे . इस आदेश को पालन करने के लिए क्षेत्र में पढ़ने वाले 9 गांव को में जा जाकर सूचना दे दिया, कि 7 से 10 तक फायरिंग होगा आप लोग अपने घर में सुरक्षित रहेंगे . जंगल की ओर नहीं जाएंगे या घर के आसपास नहीं रहेंगे. चौकीदार ने अपने दावे के समर्थन म़े मोबाइल फोन पर आए कॉल डिटेल से को साक्ष्य के रुप में दिखाया है,पर तोप के गोला से हुई मौत के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई जांच करनी थी अभी तक चौकीदार से संपर्क नहीं किया है.

गौरतलब है कि घटना के बाद जिला प्रशासन ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी विधायक,सांसद और मंत्री गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की थी और हर संभव मदद का भरोसा दिया था लेकिन अभी तक जांच कमेटी ने अपने रिपोर्ट नहीं दी है जबकि सेना के अधिकारी के दावा को स्थानीय चौकीदार ही झूठला रहे हैं इससे ग्रामीणों में भय का माहौल है.
बताते चलें कि सेना के इस फाइरिंग रेंज में गूलरवेद ,कदाल ,बरसोनी, गोही ,बड़की गोही, भागलपुर मनफर, विधि ,धनामा, खजूर राईना समेत कई गांव आते हैं और फायरिंग के दौरान गांव में तेज आवाज आती है कई बार तोप के गोले गांव में आकर गिरे हैं जिससे कई ग्रामीणों की जान जा चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे अच्छा है कि उन्हें दूसरी जगह जमीन देकर बसा दी जाए जिससे कि उनकी मुश्किलें कम हों क्योंकि कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों का सिर्फ आश्वासन मिला है पर उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो पाया है.

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