Positive news Live:-बिहार की नीतीश सरकार ने सीआइडी के एडीजी रहे जितेंद्र कुमार को केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) का पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है.इस बीच पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई(EOU)ने केन्द्रीय चयन पर्षद के कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की है,पर बड़ा सवाल है कि पेपर लीक की वजह से रद्द हुई परीक्षा दुबारा कब आयोजित की जायेगी,लाखों अभ्यर्थियों का इंतजार कब खत्म होगा.वे तैयारी को लेकर अभी भी अहले सुबह से शाम तक विभिन्न मैदानों में पसीना बहा रहे हैं,ताकि लिखित परीक्षा पास करने के बाद वे शारीरिक परीक्षा में भी सफल हो सके.वहीं पेपर लीक की वजह से रद्द हुई परीक्षा को लेकर न तो सरकार न तो गृह विभाग और न ही केन्द्रीय चयन पर्षद की तरफ से किसी तरह की स्पष्ट जानकारी दी जा रही है.
बताते चलें कि पिछले साल 2023 में 21 हजार से अधिक सिपाहियों की भर्ती को लेकर प्रकिया शुरू हुई थी.प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्तूबर को ली गयी थी, मगर पेपर लीक,कदाचार और अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था. इस मामले में राज्य भर में 64 कांड दर्ज करते हुए पुलिस ने 148 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में इसकी जांच इओयू को दी गयी थी.ईओयू ने 31 अक्तूबर 2023 को अलग से प्राथमिकी दर्ज करते हुए सभी कांडों का समेकित अनुसंधान शुरू किया था. इसमें जालसाजी के साथ आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ईओयू की जांच-पड़ताल अभी भी चल रही है.पर लाखों अभ्यर्थियों की दिलचस्पी पेपर लीक कांड की समुचित जांच से ज्यादा दुबारा परीक्षा आयोजित करने को लेकर है.इसकी मांग भी अभ्यर्थी कई बार कर चुकें हैं.पेपर लीक के बाद केन्द्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल को दिसंबर माह में ही हटा दिया गया था.उसके करीब तीन माह बाद नया अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार को बनाया गया है.ऐसे में लाखों अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है कि दुबारा परीक्षा लेने के लिए केन्द्रीय चयन पर्षद के नये अध्यक्ष जल्द घोषणा कर सकते हैं हलांकि कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना भी जारी होनेवाली है,पर लोकसभा चुनाव के ठीक बाद भी अगर परीक्षा लेने की घोषणा पर्षद द्वारा की जाती है तो लाखों अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर हो सकती है.