अयोध्या के संत ने कहा सर कलम करने वाले को एक करोड़ इनाम,तो बागेश्वर बाबा ने बताया रावण का वंशज

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Desk- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि द्वारा सनातन धर्म पर दिए गए बयान के बाद पूरे देश की राजनीति और धार्मिक माहौल गर्म है. और इस मुद्दे पर लोग उदयनिधि के खिलाफ और उनके समर्थन में अपनी-अपने तर्क दे रहे हैं. इस बीच सनातन धर्म को खत्म करने के बयान देने वाले उदयनिधि का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ इनाम देने की घोषणा भी की गई है यह घोषणा अयोध्या के संत परमहंस आचार्य ने किया है .घोषणा के साथ ही संत परमहंस आचार्य ने उदय निधि के पोस्ट को तलवार के जरिए आग के हवाले किया है.
वही उदय निधि के बयान का बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने भी विरोध किया है और उदय निधि को रावण का वंशज बताया है. पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म ही सत्य है इसे जब मुगल और अंग्रेज खत्म नहीं कर पाए तो फिर यह लोग कैसे खत्म कर पाएंगे यह खुद ही खत्म हो जाएंगे. इन्हें अगर सनातन धर्म को लेकर कुछ शक या भ्रम है तो वह मैदान में आ जाएं हम उन्हें सही तरीके से समझा देंगे.

इसके साथ ही सनातन यानी हिंदू धर्म से जुड़े कई संगठनों ने उदय निधि के बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें बिना शर्त माफी मांगने को कहा है पर उदय निधि अपने बयान पर कायम है और उन्होंने कहा है कि जिस धर्म में लोगों के बीच सद्भाव और समानता का भाव नहीं हो वैसे धर्म का रहने या ना रहने का कोई मतलब नहीं है .उनके बयान का समर्थन कई दलित नेताओं द्वारा भी किया गया है जिसमें कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे का भी नाम है,जो कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं. इसके साथ ही दलित समाज से जुड़े कई संगठनों ने उदय निधि के बयान का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर अपने तर्क रखे हैं, इनका कहना है कि सनातन धर्म में कई जगह और समानता की बातें कही गई है जिसका विरोध काफी दिनों से हो रहा है अंबेडकर जैसे संविधानविद ने भी सनातन धर्म छोड़कर बुद्ध धर्म को अपनाया था. जबकि देश की सत्ताधारी बीजेपी इस मुद्दे को विशेष तवज्जो दे रही है, और लोकसभा चुनाव 2024 के एक अहम मुद्दे के रूप में देख रही है यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़कर पार्टी के सभी नेता और मंत्रियों ने उदय निधि के बयान पर आपत्ति जताते हुए इस बहाने विपक्षी दलों की नवगठित INDIA महागठबंधन पर निशाना साधा है और कहा है कि इस गठबंधन का निर्माण देश की सद्भावना को बनाए रखने के बजाय सनातन धर्म को खत्म करने के लिए हुआ है और इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत अन्य नेताओं से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर उदय निधि के सनातन धर्म पर दिए हुए बयान को लेकर इन लोगों ने चुप्पी क्यों साध रखी है।

दरअसल उदयनिधि ने एक भाषण के दौरान कहा था कि मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म भी कुछ इसी तरह का है जिसका विरोध नहीं बल्कि उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए. विवाद होने के बाद भी उदयनिधि अपने बयान को दुहराते हुए कहा, ‘मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार आगे भी कहूंगा

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