Breaking :- दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने राज्यपाल बीके सक्सेना से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा हैं. राज्यपाल ने उन्हें अगली व्यवस्था होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में दायित्व निभाने को कहा है.
बताते चलें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को हार मिली है और बीजेपी ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. बीजेपी को 70 में से 48 सीटे मिली है जबकि आम आदमी पार्टी को महज 22 सीटे मिली है, जबकि पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 और बीजेपी को 8 सीट मिली थी. बीजेपी को 40 सीट का फायदा हुआ है जबकि आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ है,वहीं कांग्रेस इस बार भी जीरो पर आउट हुई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को हर परिस्थिति में इस्तीफा देना ही था चाहे उनकी सरकार को जीत मिले या हार, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर रखी थी कि चुनाव में जीत मिलने के बाद वही मुख्यमंत्री बनेंगे, और आतिशी को कुछ दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनाया था, पर चुनाव में पार्टी के साथ ही अरविंद केजरीवाल खुद चुनाव हार गए, अरविंद केजरीवाल के साथ ही पार्टी के बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज समेत अन्य नेता भी अपना चुनाव हार गए, पर मुख्यमंत्री आतिशी काफी संघर्ष के बाद अपना चुनाव जीतने में सफल रही. ऐसी संभावना है कि उसे अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है.
वहीं दूसरी ओर अब BJP में दिल्ली के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा तेज हो गई है अभी तक इस चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के बेटे परवेश सिंह वर्मा का नाम सबसे आगे जा रहा है, उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया है. जीत के बाद परवेश सिंह वर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी, इसके बाद परवेश सिंह वर्मा के मुख्यमंत्री बनने के कयास तेज हैं.
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जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली स्थित भाजपा के कार्यालय पहुंचे और दिल्ली की जनता का आभार प्रकट करते हुए चुनावी वादे को पूरा करने का आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया.गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हो रही है है और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा हो सकती है. बीजेपी के विधायक दल की बैठक भी जल्दी बुलाई जाएगी जिसमें नेता का चुनाव किया जाएगा और फिर उन्हें मुख्यमंत्री का शपथ दिलाई जाएगी.
अभी तक परवेश सिंह वर्मा का नाम सबसे आगे आ रहा है इसके साथ ही कई अन्य नाम पर भी चर्चा हो रही है, पर बीजेपी आलाकमान ने कई बार चौंकाने वाले फैसले किए हैं जिसमें राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश उड़ीसा में उन्होंने ऐसे नेता को मुख्यमंत्री का पद दिया है जिसने खुद इस बारे में सोचा भी नहीं था. इसलिए भाजपा विधायकों के साथ ही सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नजर आलाकमान के फैसले पर टिकी हुई है और कोई भी नेता अभी खुद को मुख्यमंत्री की रेस में बताने की कोशिश भी नहीं कर रहा है.