Patna :- बिहार के केंद्रीय चयन पर्षद द्वारा आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है. इसका खुलासा फिजिकल जांच के दौरान हो रहा है, जिसमें अब तक 33 फर्जी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है.
इन परीक्षार्थियों ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह स्कॉलर को बैठाया था और इसके लिए 1 से 5 लाख रुपया तक खर्च किया था. गिरफ्तार अभ्यर्थियों की माने तो सैकड़ो की संख्या में अभ्यर्थियों ने यह फर्जीवाड़ा किया था, पर पकड़े जाने के डर से लिखित परीक्षा में कई सफल अभ्यर्थी भी फिजिकल टेस्ट देने नहीं आ रहे हैं.
बताते चलें कि केंद्रीय चयन पर्षद द्वारा 21391 सिपाही की भर्ती की जा रही है. इस परीक्षा में कुल 17 लाख 87720 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, और लिखित परीक्षा में करीब 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. लिखित परीक्षा में 1लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी सफल हुए थे, सफल अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट 9 दिसंबर से शुरू हुआ है और 10 मार्च तक चलेगा. इस फिजिकल टेस्ट के दौरान ही फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. फिजिकल टेस्ट पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय में चल रहा है.
फिजिकल टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों का थंब इंप्रेशन लिया जा रहा है इसके साथ ही लिखित परीक्षा के दौरान किए गए वीडियो ग्राफी से फेस का मिलान किया जा रहा है, जिसमें फर्जी अभ्यर्थी पकड़ में आ रहे हैं. अभी तक कुल 33 अभ्यर्थी इस फर्जीवाड़े में पकड़े गए हैं. इन फर्जी अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में स्कॉलर को बैठाया था. इसके लिए हर एक अभ्यर्थी से एक से ₹5 लाख में डील हुई थी. कुछ लोगों ने पूरा पैसा दे दिया था तो कुछ अभ्यर्थियों ने 50 फीसदी राशि दी थी. इन्हें उम्मीद थी की स्कॉलर के जरिए लिखित परीक्षा पास करने के बाद फिजिकल में वे खुद शामिल होंगे और फिर सफल होने के बाद सिपाही बन जाएंगे पर ऐसe अभ्यर्थियों का पैसा भी डूब गया, बदनामी भी हुई और ये जेल भी जा रहे हैं. इनका करियर पूरी तरह से चौपट होता हुआ नजर आ रहा है. इससे उन दूसरे अभ्यर्थियों को भी सबक लेने की जरूरत है जो शॉर्टकट तरीके से विभिन्न परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करके भर्ती होना चाहते हैं.