शिक्षको की छुट्टी कटौती पर बवाल:संघ ने केके पाठक पर बोला हमला,तो BJP ने दिया धार्मिक रंग

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DESK- अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के एक आदेश से बिहार की राजनीति गर्म है. एक तरफ बीजेपी के के पाठक के साथ ही बिहार की नीतीश-तेजस्वी सरकार पर हमलावर है वही राज्य के लाखों सरकारी शिक्षक भी नाराज हैं, और इस नाराजगी की वजह है शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के हॉलीडे छुट्टी में कमी.
दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग के द्वारा एक आदेश निकला गया है जिसमें पहले से जारी छुट्टियों की सूची को संशोधित किया गया है और सितंबर माह से दिसंबर 2023 तक कुल 23 छुट्टियों को घटकर 10 छुट्टी कर दी गई है इससे शिक्षक संघ आग बबूला है। शिक्षक संघ के नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से हस्तक्षेप की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर इस आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो फिर लाखों शिक्षक इसके लिए आंदोलन करेंगे.

 

अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इन शिक्षक नेताओं ने कहा है कि वे लगातार मनमाने तरीके से आदेश जारी कर रहे हैं और शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और अब तो हद हो गई है कि शिक्षकों की पहले से मिलने वाली छुट्टी को भी कम कर दिया है. कृष्णाष्टमी और तीज जैसे त्योहार की छुट्टी को भी खत्म कर दिया है.
वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी बीजेपी को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है और शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने इसे अपना हथियार बनाते हुए इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की है. बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय सिंह के साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत अन्य नेताओं ने मोर्चा खोलते हुए नीतीश सरकार पर करारा हमला किया है.
जबकि महागठबंधन की जेडीयू- आरजेडी के नेताओं ने शिक्षा विभाग के आदेश का बचाव किया है और केंद्रीय शिक्षा विभाग के आदेश का हवाला देते हुए छुट्टियों में कटौती की बात कही है.इसके साथ ही महागठबंधन के नेताओं ने भाजपा नेता से पूछा है कि रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द करने के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाजपा के नेता ये बताएं कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय में रक्षाबंधन की छुट्टी दी जा रही है या वहां पढ़ाई हो रही है अगर केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई हो रही है तो राज्य सरकार के स्कूल अगर खोले जाने का आदेश शिक्षा विभाग दिया है तो उन्हें आपत्ति क्यों हो रही है .क्या राज्य की स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का बेहतर भविष्य वे नहीं चाहते हैं.

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