Patna- बिहार के सरकारी स्कूल के हजारों शिक्षक नवरात्रि में मायूस हैं ,क्योंकि उन्हें दूसरे शिक्षकों की तरह वेतन नहीं मिल पाया है. प्रमाण पत्रों की जांच के नाम पर उनका वेतन रोक दिया गया है जबकि प्रमाण पत्र की जांच नहीं होने में दोषी संबंधित शिक्षक नहीं बल्कि जांच करने वाले अधिकारी विभाग के अधिकारी हैं।
बिहार में छठे चरण में 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। उस समय सभी शिक्षकों से यह एफिडेविट ली गई थी उनके सभी प्रमाण पत्र सही है और बाद में प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया शुरू की गई .निर्धारित समय में प्रमाण पत्रों की जांच करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया था पर कई जिलों में हजारों शिक्षकों का प्रमाण पत्र की जांच अभी तक नहीं हो पाई है और जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच नहीं हुई है उनका वेतन रोक दिया गया है .यही वजह है कि दुर्गा पूजा से पहले अन्य शिक्षकों को वेतन मिल गया और उनके परिवार के लोग खुश हैं जबकि जिनके जिन शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है वह और उनके परिवार के लोग मायूस हैं.
इस संबंध में जब पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो उन्हौने कहा कि कुछ शिक्षकों का वेतन रुका है .उसकी वजह प्रमाण पत्रों की जांच होना बाकी है पर उन्होंने सीनियर अधिकारियों से वेतन निर्गत करने की अनुमति मांगी है. अनुमति मिलते ही बाकी बचे सभी शिक्षकों का वेतन निर्गत कर दिया जाएगा।