Desk– अगर आप किसी पुलिस अधिकारी के मनमानी और उनके भ्रष्टाचार की शिकायत सीनियर अधिकारी से करेंगे तो फिर आपके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है और आपके खिलाफ झूठे मुकदमे भी बनाए जा सकते हैं, इसका एक उदाहरण बांका में देखने को मिला है जहां सेना के जूनियर कमीशंड अधिकारी के द्वारा एक थानेदार के खिलाफ सीनियर अधिकारी और गृह विभाग को लिखे पत्र के बाद संबंधित थानेदार ने उस सेना के अधिकारी के खिलाफ फर्जी तरीके से कैस बनाते हुए उसे जेल भेज दिया. पुलिस अधिकारी ने शिकायतकर्ता सेना के अधिकारी के नानी का ही फर्जी अंगूठा लेकर फर्जी केस कर दिया और फिर उसे जेल भेज दिया. मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी के नानी ने सीनियर अधिकारियों को फर्जीवाड़े की जानकारी दी.इसके बाद एसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया है, लेकिन सेना के अधिकारी इससे भी बड़ी कार्रवाई चाहते हैं, जिस की मनमानी करने वाले अन्य पुलिस अधिकारियों को भी सबक मिल सके.
पूरी घटना बांका जिले के धनकुंड थाने के बबुरा गांव की है. यहां के रहने वाले सेवा में जूनियर कमीशंड ऑफिसर मोहम्मद परवेज आलम ने धनकुंड थानेदार मंटू कुमार के खिलाफ बांका के एसपी, भागलपुर के डीआईजी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था जिसमें यह शिकायत की थी कि धनकुंड थाना भ्रष्टाचारियों, दलालों, माफिया और अपराधियों की शरण स्थल बन गई है और यहां के थानेदार मंटू कुमार इन सभी को संरक्षण देते हैं और अपने साथ बैठते हैं.ये माफिया पुलिस के संरक्षण में दो नंबर का धंधा चला रहे हैं. सेना के अधिकारी द्वारा की गई शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो यहां के थानेदार मंटू कुमार ने सेना के अधिकारी को निशाने पर ले लिया. इस बीच सेना के अधिकारी मोहम्मद परवेज आलम की नानी बीवी गुलशन आरा सीढ़ी से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामले की जांच करने के लिए धनकुंड के थानेदार मंटू कुमार अस्पताल पहुंचे और घायल महिला का सादे पेपर पर अंगूठे का निशान लिया और फिर संपत्ति हड़पने को लेकर मोहम्मद परवेज आलम के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया.
जब गए घायल बीवी गुलशन आरा को पता चला कि उसके साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए उसके ही नाती को जेल भेज दिया गया है तो इसने आपत्ति जताई और कहा कि वह खुद सीढ़ी से गिर गई थी और पुलिस ने सादे पेपर पर अंगूठे का निशान लेकर फर्जी तरीके से केस दर्ज किया है.
अधिकारी के नानी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ नाम दायर कर अपने नाती को बेकसूर बताते हुए फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
वहीं पुलिस पर फर्जीवाड़े की शिकायत और मामला सेना के अधिकारी से जुड़े होने के बाद जिले के एसपी ने धनकुंड थानेदार मंटू कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया है और पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है, जबकि सेना के अधिकारी का कहना है कि पुलिस के अधिकारी अपराधियों को संरक्षण देते हुए लगातार मनमानी कर रहे हैं और जब उनके खिलाफ कोई शिकायत करता है तो फिर साजिश के तहत शिकायतकर्ता को ही परेशान करते हैं और इसका यह जीता जागता उदाहरण है. सरकार को ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
पुलिस अधिकारी की माने तो बबुरा गांव की रहने वाली बीवी गुलशन आरा के अंगूठे के निशान वाले फर्ज बयान को आधार मानते हुए 8 सितंबर 2024 को केस दर्ज किया गया था पुलिस ने 25 अक्टूबर को परवेज आलम को गिरफ्तार करके जेल भेजा था वही नानी के शपथ के बाद 16 नवंबर को परवेज को जमानत मिली है. 18 नवंबर को परवेज आलम जेल से निकले हैं.नानी किस परिस्थिति में अपना बयान बदल रही है यह भी जांच का विषय है, पुलिस शपथ में लगाए गए आरोप और बयानों की जांच कर रही है. तत्काल थानेदार को निलंबित किया गया है.