Desk:- एक तरह बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, वहीं दूसरी और कई वजह से बड़ी संख्या में शिक्षकों को नौकरी से निकाला भी जा रहा है. राज्य के बांका जिले में एक साथ 31 शिक्षकों को नौकरी से निकलने की प्रक्रिया शुरू की गई है, इसके बाद शिक्षा विभाग एवं शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.
शिक्षा विभाग ने 31 शिक्षकों की सूची जारी करते हुए उनके वेतन पर पहले ही रोक लगा दी थी और अब सेवा से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है. इन शिक्षकों की सूची इस प्रकार है –
जिले के बौंसी प्रखंड के स्कूल में पदस्थापित कुमारी सुप्रिया (मणियारपुर), हंस कुमार (कुशवरना), आशुतोष कुमार (खिजुड़मुड़िया), समुंदर प्रसाद (जलहर), सद्दाम अंसारी (धोवा उर्दू)
.बांका प्रखंड के आदित्य कुमार (खैराबांध), मंजीत कुमार (दोमुहान), स्वाती प्रिया (रीगा), नीतीश कुमार (उष्ठीगोड़ा), नीलम कुमारी (कारीकादो), अविनाश कुमार (चंदननगर), मुकेश कुमार सहनी (भतकुंडी), अजय कुमार (धनरा), सोनी कुमारी (गर्भातरी)
.कटोरिया प्रखंड के मुकेश कुमार (देवासी), कुमारी नीलम (केरवार)
फुल्लीडुमर प्रखंड के मधुकर कुमार राणा (कटहरा), कपिल कुमार (लौगांय), सुमन कुमार (ढोढिया टीकर)
.चांदन प्रखंड के दीपक कुमार सिंह (धनकुंड, धोरैया), एजाज अहमद (गौरा), मनोज दास (घोघाढाबर), रंजना कुमारी वाजपेयी (जमुनी), खुशबू पांडेय (खमरुआडीह)
मिली जानकारी के अनुसार ये सभी 31 शिक्षक बिना सूचना के लंबे समय से गायब हैं.शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की सूची जारी करते हुए संबंधित विद्यालयों के प्रधान और बीईओ को निर्देश दिया है कि इन शिक्षकों के योगदान पर रोक लगाई जाए। बिना विभागीय अनुमति के इन्हें विद्यालय में शामिल नहीं किया जाएगा.इस सूची में कई फर्जी शिक्षक भी शामिल हैं, और इनका फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद ये शिक्षक फरार हो गए हैं। कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने सक्षमता परीक्षा के लिए एक ही टीईटी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल की थी।इसलिए इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति की प्रक्रिया जारी है। ई-शिक्षा कोष से इनके नाम हटाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में ये किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा कर दोबारा विद्यालय में योगदान न कर सकें।