हाईकोर्ट का बड़ा आदेश :शिक्षा सचिव समेत कई अधिकारियों को अवमानना मामले में सुना दी सजा
2012 में दिए गए आदेश का पालन नहीं करने की थी शिकायत
DESK- शिक्षा विभाग के सचिव समेत कई अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना महंगा पड़ा और हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के सचिव समेत कई अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है.
यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने दिया है।शिकायतकर्ता पी. ज्ञान प्रगासम ने अपनी याचिका में राज्य के अधिकारियों पर आरोप लगाया था, जिनमें तमिलनाडु राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव प्रदीप यादव, आईएएस, और शिक्षक शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण शिक्षा के निदेशक मुथुपलानीचामी और अन्य शामिल थे।
यह अवमानना याचिका धारा 11 के तहत दायर की गई थी, जिसमें दिनांक 03.12.2012 को जारी आदेश का पालन करने में विफलता के लिए उत्तरदाताओं को दंडित करने की मांग की गई थी। अदालत ने प्रतिवादियों को अदालत के आदेश की तारीख से आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता की सेवा को नियमित करने और मौद्रिक लाभ देने का निर्देश दिया था,पर इस आदेश का पालन नहीं किया गया.
मामले की सुनवाई करने जज न्यायमूर्ति बट्टू देवानंद ने कहा कि “इस न्यायालय के आदेश का सही अक्षरश और भावना से अनुपालन नहीं किया गया है। 2012 में अदालत के पहले आदेश और 2019 में रिट अपील को खारिज करने के बावजूद, उत्तरदाता त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहे, जिससे अदालत के निर्देशों को लागू करने में असामान्य देरी हुई।अदालत ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि “यदि इस प्रकार के अधिकारियों के खिलाफ कोई नरम रुख अपनाया जाता है, जो वर्षों से इस न्यायालय के आदेशों को लागू नहीं कर रहे हैं, और अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश देने के बाद ही अदालत के आदेशों को लागू कर रहे हैं।” इससे इस प्रकार के सरकारी अधिकारियों में गलत संदेश जाएगा।”
वहीं आरोपी अधिकारियों की तरफ से वकील ने माफी मांगी इसके बावजूद जज ने माफ करने के बजाय अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुना दी. पीठ ने अपने फैसले में दोषी अधिकारियों को दो सप्ताह के साधारण कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
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