HIGH COURT से KK पाठक को झटका, सक्षमता परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला

Desk
By Desk

Patna- केके पाठक और शिक्षा विभाग को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने और इस परीक्षा में शामिल होने के बाद भी पास नहीं करने पर किसी नियोजित शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी बल्कि वह अपने पद पर बने रहेंगे. यह आदेश पटना हाई कोर्ट ने नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर कई सुनवाई के बाद दिया है.
कोर्ट के आदेश के अनुसार बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में वर्णित कंडिका 4 (सक्षमता परीक्षा ) और 12 (निरसन और व्यावृत्ति) के प्रावधान को निरस्त कर दिया है. आज सुनाए गए फैसले के अनुसार हाई कोर्ट ने विशिष्ट शिक्षक नियामवली के कंडिका 04 के तहत सक्षमता परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है.
साथ ही पूर्व में स्नातक ग्रेड से प्रधानाध्यापक ग्रेड में प्रोन्नति के लिए हाइकोर्ट में दायर केस में जीत के बाद भी विभाग द्वारा प्रोन्नति लंबित रखने एवं बेसिक ग्रेड से स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति संबंधी कोर्ट के पूर्व आदेशो के आलोक में नियमावली 2020 के प्रोन्नति संबंधी नियम को बरकरार रखा है।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग में नियोजित शिक्षकों का राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए 2023 में नियमावली बनाई थी. इसमें सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में शामिल होने और पास करने की अनिवार्यता रखी थी. ऐसा नहीं करने पर शिक्षा विभाग द्वारा अलग से निर्णय लेने का प्रावधान था. बाद में शिक्षा विभाग ने इस प्रावधान के तहत साक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने या पास नहीं करने पर नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला किया था. हालांकि सक्षमता परीक्षा में पहले तीन अवसर देने की बात कही थी और बाद में अवसरों की संख्या 5 कर दी गयी थी. हाल ही में प्रथम चरण की परीक्षा आयोजित हुई थी जिसका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है. इसमें 90 फ़ीसदी से ज्यादा नियोजित शिक्षक पास किए हैं.

Share This Article