रक्षाबंधन ने बदली परिवार की तकदीर..चारो भाई-बहन बने IAS-IPS
बड़े भाई ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ बहनों के साथ शुरू की थी सिविल सेवा की तैयारी
Desk-positive story में आज हम बात कर रहें हैं उत्तर प्रदेश के लालगंज के एक परिवार की ,जिसमें चार भाई-बहन IAS और IPS हैं…चारों भाई बहन के आईएस और आईपीएस बनने की कहानी काफी दिलचस्प है.
बड़ा भाई योगेश की सिविल सर्विस में दिलसच्पी नहीं थी.इसलिए उसने टेक्निकल डिग्री लेने के बाद दिल्ली के एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी करने लगा..वहीं योगेश के दो बहनें क्षमा और माधवी को सिविल सेवा में जाने के सपना था..वह तैयारी कर रही थी,पर सफलता नहीं मिल पा रही थी..जिससे दोनो बहनें काफी निराश रहती थी..जब रक्षाबंधन के अवसर पर योगेश गांव आया तो उन्हौने अपनी बहनों को उदास पाया और वजह जानने के बाद उन्हौने एक बड़ा निर्णय लिया और अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर एक साथ अपनी बहन के साथ सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करने लगा…और अगले ही साल वह खुद आईएएस की परीक्षा में अंतिम रूप से सफल रहा..
इसके बाद उन्हौने खुद के नोट्स और अनुभव के आधार पर अपनी दोनो बहनों का मार्गदर्शन किया जिसके बाद दोनो बहनें भी सिविल सेवा में सफल होकर आईएएस और आईपीएस बन गई..इसके बाद नंबर आया सबसे छोटे भाई लोकेश का…उसने भी अपने बड़े भाई और बहन से मार्गदर्शने में तैयारी शुरू की और सिविल सेवा कंप्लीट कर गया..यानी आज चारो भाई-बहन सिविल सेवक के तौर पर काम कर रहें हैं.
बतातें चलें कि चारों भाई-बहनों का परिवार निम्न मध्यमवर्ग का है,पर इनके माता-पिता ने पढाई को लेकर हमेशा ध्यान रखा,और अपने मन से कैरियर चुनने की आजादी दी.ये चारों 12 वीं तक हिन्दी माध्यम के स्कूल में ही पढाई की है…पर लगन,मेहनत और सही मार्गदर्शन की वजह से इन चारों ने अपने सपनों को साकार किया है.और दूसरों युवाओं के लिए एक प्रेरणा की तरह हैं.आस-पास के लोग इन चारों भाई-बहन के साथ ही उनके माता-पिता की तारीफ करतें हैं.
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