दरभंगा संस्कृत विवि के प्रचार्यो को लेकर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
22 पूर्व प्रधानाचार्य को हटाने के आदेश को किया निरस्त
PATNA- बड़ी खबर बिहार की कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 पूर्व प्राचार्यो से जुड़ी है ,जिनके लिए पटना हाई कोर्ट से बड़ी खुशखबरी आई है .पटना हाई कोर्ट ने उनको हटाए जाने के के फैसले को पलट दिया है .इससे इन 22 पूर्व प्राचार्य को बड़ी राहत मिली है.
पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 प्रधानाचार्यो को नौकरी से हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने डा.अनिल कुमार ईश्वर व डा. राजेंद्र प्रसाद चौधरी समेत सात अन्य की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई के बाद सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया है।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए
अपीलकर्ता के अधिवक्ता अरुण कुमार ने बताया कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में 22 प्रधानाचार्यो की बहाली के लिए 2008 में विज्ञापन प्रकाशित की गई थी।सारी प्रक्रिया का पालन करते हुए 22 प्रधानाचार्यो की नियुक्ति की गई।इस नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत करते हुए डॉ रमेश झा एवं अन्य की ओर से पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने आवेदकों की ओर से उठाये गये सवालों को सही करार देते हुए सभी नियुक्ति को निरस्त कर नये सिरे से तीन माह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया था यह आदेश पटना हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने 24 सितम्बर, 2019 को सुनाया था।
इस आदेश की वैधता को अपील दायर कर चुनौती दी गई।सभी नौ अपीलों पर एक साथ लम्बी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 6अक्टूबर,2023 को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था और कोर्ट ने अब अपना आदेश जारी कर सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त करते हुए इन 22 प्रधानचार्यों को राहत दी।
पटना हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के 22 प्राचार्य की नियुक्ति को रद्द करने क्या आदेश के बाद सरकार के द्वारा नए प्राचार्य की नियुक्ति की गई है अब देखना है कि पटना हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए पहले फैसले को डबल बेंच द्वारा निरस्त किए जाने के बाद अब सरकार आगे क्या कदम उठाती है और इन 22 प्राचार्य को किस रूप में लाभ मिलता है.
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