पटना हाईकोर्ट ने DM साहब के खिलाफ की सख्त टिप्पणी, कहा-अगली सुनवाई पर चेक के साथ खुद आएं

Desk
By Desk

Desk- बिहार के भोजपुर के डीएम के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने बड़ी ही सख्त टिप्पणी की है और अगली सुनवाई के दौरान चेक लेकर खुद हाजिर होने का निर्देश दिया है. दरअसल यह मामला अतिक्रमण हटाने से जुड़ा हुआ है, जिसमें कोर्ट के पहले के आदेश को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया और जब पीड़ित परिवार ने मामले को फिर से कोर्ट की संज्ञान में लाए आया तो जस्टिस मोहित कुमार शाह की कोर्ट ने डीएम के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही खुद चेक लेकर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.

रमाकांत सिंह की ओर से अधिवक्ता गोपाल कृष्ण मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बगैर किसी आदेश के याचिकाकर्ता का घर तोड़ दिया गया।उनका कहना था कि भोजपुर जिला के सीओ,गड़हनी ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए घर को तोड़ दिया।इसके बाद पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था।कोर्ट के आदेश के बाद भोजपुर डीएम ने मामले की जांच कराई।जांच के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर डीएम ने गड़हनी के सीओ को निलंबित कर दिया।उनके खिलाफ आरोप गठन कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश पर भोजपुर डीएम ने मकान तोड़े जाने को लेकर क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजा राशि देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया।

क्षतिपूर्ति राशि का आकलन करने के बजाय कमेटी ने अपने रिपोर्ट में कहा कि गैर मजरूवा आम जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया था, जिसे सीओ के आदेश से हटा दिया गया।इसलिए याचिकाकर्ता किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति मुआवजा पाने का हकदार नहीं है।
कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बगैर किसी आदेश के किसी का घर तोड़ा नहीं जा सकता।चाहे वह गैरमजरूआ जमीन पर ही क्यों ना बना हो। कोर्ट ने पांच सदस्य कमेटी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश भोजपुर डीएम को दिया है और तारीख 11 सितंबर को डीएम को क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजा राशि का चेक लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

Share This Article