PATNA- बिहार की नीतीश सरकार पर 5 हजार का आर्थिक जुर्माना लगा है और यह जुर्माना पटना हाई कोर्ट की तरफ से लगाया गया है. कोर्ट के आदेश के बाद भी 6 माह तक जवाबी हलफनामा दायर कर नहीं करने की वजह से यह जुर्माना लगाया गया है.
पूरे मामले की बात करें तो पटना हाईकोर्ट ने हत्या के अनुसंधान में लापरवाही बरतने को लेकर में दायर अर्जी पर राज्य सरकार की ओर से जबाबी हलफनामा दायर नहीं किये जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।कोर्ट ने 6 नवंबर के पूर्व जुर्माना राशि को पटना हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी में जमा करने का आदेश दिया है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने मन्ति देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।कोर्ट ने ये जुर्माना राशि की वसूली दोषी कर्मी से करने का भी आदेश दिया।
इस संबंध में अधिवक्ता अंजनी परासर ने कोर्ट को बताया कि एक वर्ष पूर्व हुई हत्या में पुलिस ने अब तक पुनः ब्यान नहीं लिया है।उनका कहना था कि पुलिस इस मामले में सोई हुई हैं।यही नहीं कोर्ट ने छह माह पूर्व जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था,पर जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया गया।
पटना हाईकोर्ट ने सारण के एसपी को दो सप्ताह के भीतर अपने स्तर से समीक्षा कर तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।कोर्ट ने इस केस के आईओ और पर्यवेक्षण अधिकारी की भूमिका के बारे में भी पूरी जानकारी देने का आदेश दिया।