Patna– 11 जुलाई को आंदोलन करने वाले और विधानसभा मार्च में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है. शिक्षा विभाग ने 100 से ज्यादा शिक्षकों को चिन्हित कर स्पष्टीकरण मांगते हुए निलंबन की कार्रवाई शुरू की है. इससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सरकार से सवाल पूछा है.
बताते चलें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मई माह में ही शिक्षक नियुक्ति के खिलाफ किसी भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन करने को लेकर आदेश जारी किया था और किसी भी शिक्षक के इसमें शामिल होने पर कार्रवाई की बात कही थी अब उसी आदेश का हवाला देते हुए 11 जुलाई को पटना में हुए आंदोलन में शामिल शिक्षकों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई शुरू की गई है और इस कड़ी में करीब 100 से ज्यादा शिक्षकों को चिन्हित करके निलंबन की कार्रवाई की जा रही है.
इससे नाराज माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार वार्ता की बात कह रही है, दूसरी तरफ शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।ये तुगलकी फरमान नहीं चलेगा.
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि Cm नीतीश कुमार, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी को बताना चाहिए कि क्या बिना उनकी इजाजत के नौकरशाह इस तरह का आदेश निकाल रहे? अगर बिना अनुमति यह आदेश निकाला जा रहा है तो सरकार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है और अगर इसमें सरकार की सहमति है तो फिर यह लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने जैसा है और यह शिक्षक संघ कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर यह तुगलकी फरमान वापस नहीं लिए गए तो संघ फिर से उग्र आंदोलन करेगा.