Desk– ज्ञान की नगरी बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है जिसमें इस विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री विदेश में बांटी गई और इसके एवज में पैसे लिए गए. इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई है इस फर्जी डिग्री के एवज में लाखों करोड़ों का वारा न्यारा हुआ है.
इस फर्जीवाड़े की शिकायत बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को मिली थी. उन्होंने मगर विश्वविद्यालय के कुलपति को इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई का निर्देश दिया था, अब इस मामले में बोधगया विश्वविद्यालय थाना में दो शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई गई है.
अपने आवेदन में मगध विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर उपेंद्र कुमार ने लिखा है कि मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के शिक्षक विष्णु शंकर एवं कैलाश प्रसाद के द्वारा म्यांमार जाकर विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री बांटी गई है. 29 सितंबर 2024 को म्यांमार की राजधानी यंगून जाकर इन दोनों शिक्षकों ने फर्जी तरीके से मगध विश्वविद्यालय की ओर से कई लोगों को मन्नत की फर्जी डिग्री वितरित की. मगध विश्वविद्यालय के नाम पर अनाधिकृत रूप से मन्नत डिग्री वितरित करना एक गंभीर अपराध है. इस सर्टिफिकेट पर कुलपति का फर्जी हस्ताक्षर भी किया गया है. इस संबंध में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही ने कहा है कि इस तरह का फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. विश्वविद्यालय के कुलपति का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर डिग्री यहां विदेश में बांटी गई है. इस संबंध में कुल अनुशासन ने थाने में आवेदन दिया है.
वहीं आवेदक मिलने के बाद मगध विश्वविद्यालय थाना अध्यक्ष रणविजय ने कहा कि पुलिस के द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है, इस मामले में आरोपी शिक्षक के खिलाफ भी पूछताछ की जाएगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.