Patna- बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 7 विश्वविद्यालय के कुलसचिव के कार्य करने पर रोक लगा दी है.
इस संबंध में सभी संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति को राजमवन द्वारा पत्र भेजा गया है और यह निर्देश दिया गया है कि तत्काल प्रभाव से सभी कुल सचिवों के कर्तव्य निर्वहन पर रोक लगाई जाए.
राजभवन की तरफ से यह पत्र दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर, मगध विश्वविद्यालय बोधगया, पटना विश्वविद्यालय पटना, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना ,और मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय पटना को भेजी गई है.
राजभवन से भेजी गई चिट्ठी में पुराने पत्रों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से कुलसचिव के कार्य पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है ,वही इस आदेश से संबंधित विश्वविद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि कुलसचिव के बाद दूसरे विभाग से संबंधित पदाधिकारियों का नंबर आ सकता है क्योंकि विश्वविद्यालय के कोई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई तरह की शिकायतें लगातार राजभवन को मिल रही थी पर पहले किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी लेकिन नए राज्यपाल के आने के बाद यह सबसे बड़ा एक्शन राज भवन के द्वारा लिया गया है.
राजभवन के इस आदेश पर कई छात्र संगठनों ने खुशी जताई है।एबीवीपी नेता सूरज सिंह ने कहा है कि भ्रष्ट आचरण वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई से विश्वविद्यालय का माहौल बेहतर होगा और आने वाले दिनों में बिहार के विश्वविद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल होने की उम्मीद होने लगी है।