Patna बिहार की स्वर कोकिला पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिजनों, शुभचिंतको और कई भी वीवीआईपी की मौजूदगी में पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार के दौरान उनके प्रशंसकों ने ‘शारदा सिन्हा अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा शारदा सिन्हा का नाम रहेगा’ जैसे नारे लगाए.
बताते चलें कि मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा काफी दिनों से बीमार चल रही थी. उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 72 साल की उम्र में मंगलवार की रात निधन हो गया था. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई बड़े राजनेताओं सामाजिक कार्यकर्ता और कलाकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी थी . सरकार के आदेश के बाद आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
शारदा सिन्हा को संगीत की दुनिया में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं. उनके चर्चित गानों में ‘विवाह गीत’ और ‘छठ गीत’ शामिल हैं. शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे, जिनसे उन्होंने शिक्षा और कला के प्रति सम्मान सीखा. अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में पूरी करने के बाद, शारदा सिन्हा ने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा. उन्होंने मैथिली एवं भोजपुरी के साथ ही हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी थी.