Positive news desk:-Bihar के स्कूलों में पठन-पाठन को व्यवस्थित करने के लिए शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को सख्ती करनी पड़ रही है और इस सख्ती से शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ ही शिक्षक संघ एवं कई राजनेता और जनप्रतिनिधि भी नाराज हैं. इस बीच केरल से बड़ी खबर आयी है जहां देश का सबसे पहला एआई शिक्षिका को लांच किया गया है.इस एआई शिक्षिका को समय का पालन करने का लिए किसी तरह की सख्ती की जरूरत नहीं है बल्कि महज एक कमांड की जररूत है जिसके बाद वह खुद के पे खुद सारा काम करने लगती है.वह बच्चों को पढ़ाने के साथ ही हाथ मिलाने तक का काम करती है.इस पहली एआई शिक्षिका की चर्चा देशभर में हो रही है.
दरअसल देश को पहली एआई शिक्षिका केरल के तिरुवनंतपुरम के केटीसीटी स्कूल में लांच किया गया है.आईरिस नामक एक रोबोट को शिक्षिका के रूप में पेश किया गया है।यह एआई शिइका साड़ी में नजर आई और इसने अपने स्कूल के बच्चों से हाथ तक मिलाया है.इसे ‘मेकरलैब्स एडुटेक’कंपनी की मदद से बनाया गया है। कंपनी के मुताबिक, आईरिस देश की पहली जेनरेटिव एआई टीचर है।
बताते चलें कि आईरिस भारत सरकार की योजना अटल टिंकरिंग लैब (ATL) का हिस्सा है। इसका उद्देश्य स्कूलों में बच्चों के बीच मनोरंजक गतिविधियों को बढ़ाना है। मिली जानकारी के अनुसार यह तीन प्रमुख भाषाओं में बातचीत कर सकती है और यह विद्यार्थियों के कठिन से कठिन सवालों के जवाब भी बेहद आसानी से दे सकती है। आईरिस का नॉलेज बेस चैटजीपीटी जैसे प्रोग्रामिंग से बनाया गया है। यह अन्य ऑटोमेटिक शिक्षण उपकरणों से ज्यादा व्यापक है। इसमें एक इंटेल प्रोसेसर और एक को-प्रोसेसर है, जो कई तरह के कमांड को संभालने लगता है.
विशेषज्ञों ने इस एआई शिक्षिका के बारे में बताया कि मानव निर्मित आईरिस चार पहियों पर घूमती है। आईरिस के गले में माइक्रोफोन को एक हार के रूप में सजाया गया है और बात करने के लिए इसमें स्पीकर लगाया गया है। यह गणित या विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों के कठिन प्रश्नों का उत्तर दे सकती है।आईरिस तीन अलग-अलग भाषाओं में बात कर सकती है। यह एआई सिद्धांत पर काम करता है, इसमें आवाज को टेक्स्ट में और टेक्स्ट को आवाज में बदलने की भी क्षमता है। यह स्कूल को बच्चों को कहानियां भी सुना सकती है।