patna- सरकारी स्कूल के शिक्षक और प्रोफेसर के बाद शिक्षा सेवक तालिमी मरकजों पर अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का डंडा चलने वाला है. केके पाठक के निर्देश पर जन शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र जारी किया गया है जिसमें सभी जिला के शिक्षा पदाधिकारी और साक्षरता कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि विभिन्न वजहों से कार्य में लापरवाही बरतने वाले शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज को सेवा से मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करें.
शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज को सेवा मुक्त करने के लिए 6 तरह के बिंदु बताए गए हैं जिसके आधार पर उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए सेवा से मुक्त किया जा सकता है.
1. 30 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहने पर
2. तीन या तीन से अधिक निरीक्षण के दौरान मौके से गायब रहने या कार्य में लापरवाही दिखने पर
3. अपराधिक गतिविधि में शामिल होने या अनैतिक आचरण करने अथवा राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर चुनाव लड़ने पर
4. शराब पीने या शराब की तस्करी करने अथवा दहेज लेने पर
5. बिना ठोस कारण के 30 दिनों तक गायब रहने पर.
6. समाज विरोधी या अराजकतावादी गतिविधियों में शामिल होने पर.
शिक्षा विभाग के इस पत्र के बाद शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज से जुड़े कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.
बताते चलें कि अक्षर आंचल योजना के तहत दलित, महादलित अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा समाज से जुड़े बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने उन्हें स्कूल तक पहुंचाने और अन्य तरह की सेवाओं के लिए शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज की सेवा ले जा रही है सीएम नीतीश कुमार ने इस योजना की शुरुआत की थी. यह उनकी महत्वाकांक्षी योजना है शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार इनमें से कई शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज के काम के प्रति लापरवाही की शिकायत आ रही है इसी को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है और अब विभिन्न वजहों से कार्य में लापरवाही प्रमाणित होने पर उनकी सेवा खत्म कर दी जाएगी.