फर्जी सिपाही और दरोगा के बाद फर्जी थाने का खुलासा..

पूर्णिया के कस्बा थाना क्षेत्र में चल रहा था फर्जी थाना, जमकर हो रही थी आम लोगों से वसूली

Desk

Desk:- बिहार के पूर्णिया में एक फर्जी थाना संचालित करने का मामला सामने आया है जिसमें दरोगा से लेकर चौकीदार तक सभी फर्जी थे और लोगों से वाहन चेकिंग एवं अन्य मामलों को लेकर वसूली कर रहे थे, जानकारी मिलने के बाद इस फर्जी बारे के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है और आरोपियों की खोज दिन कर रही है.
राहुल कुमार शाह नामक युवक फर्जी थाने चल रहा था और फर्जी सिपाही फर्जी ग्रामीण रक्षा दल व दलपति में सिपाही व चौकीदार बनाने के नाम पर लाखों रुपए ठगी कर फरार हो चुका है,जिले के कसबा थाना की पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस इस बात की भी विशेष तौर पर  जांच कर रही है कि मामले के मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह के और कौन कौन से सहयोगी है तथा इस गिरोह का मुख्य सरगना कौन है।इसके अलावे फर्जी सिपाही एवं चौकीदार वाहन जांच अभियान एवं शराब जांच अभियान में जिस चार पहिए एवं तीन पहिए वाहन का इस्तेमाल कर रहे थे उस वाहन के मालिक को पुलिस ढूंढने का प्रयास कर रही है। ठगी के शिकार हुए छात्र छात्राओं का कहना है कि उन्हें मोहनी पंचायत के क्षेत्रों में गस्ती के लिए एवं वाहन जांच व शराब जांच के लिए मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह के द्वारा सीएनजी ऑटो दिया जाता था। जिसका चालक का नाम नितेश कुमार उरांव है जो पुलिस वर्दी में रहता था। साथ ही ठगी के शिकार छात्र छात्राओं ने बताया कि राहुल कुमार साह के आदेश पर हमलोग गेरूआ घाट पुल व गांधी घाट पुल  के समीप सड़क पर वाहन जांच अभियान चलते थे। अभियान के दौरान बिना हेलमेट बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चल रहे चालकों से 4 सौ रुपए का चलान भी काटते थे। 1 हजार रुपए का चलान होने पर 2 सौ रुपया कमीशन के तौर पर राहुल कुमार साह के द्वारा गस्ती टीम को इनाम स्वरूप दिया जाता था। शेष राशि यह कह कर राहुल कुमार साह अपने पास रख लेते थे कि उक्त राशि को सरकार की खजाने में जमा करना है।

इन छात्र छात्राओं ने यह भी बताया कि राहुल कुमार साह के आदेश पर संध्या गस्ती एवं रात्रि गस्ती भी उसी ऑटो से निकली जाती थी। गस्ती के दौरान अगर किसी के वाहन से शराब की बरामदगी होती थी तो उस वाहन को तथा शराब को जब्त कर फर्जी थाना मध्य विद्यालय बेतौना लाया जाता था। जहां राहुल कुमार साह के द्वारा शराब तस्कर को शराब तथा उसके जब्त वाहन को अवैध वसूली कर छोड़ दिया जाता था।

मोहनी पंचायत के स्थानीय ग्रामीण सुबोध यादव, मो उमर, अमरदीप कुमार, अमित कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि मोहनी पंचायत के मध्य विद्यालय बेतौना में ये फर्जी थाना कई महीनों से चल रहा था। दर्जनों लड़के लड़कियां रात दिन पुलिस की वर्दी में तथा पुलिसिया लाठी के साथ यहां आते जाते रहते थे, और वाहन जांच अभियान व शराब पकड़ते नजर आते रहते थे। पूछने पर कहते थे कि हमलोग बिहार पुलिस के जवान है, तथा सरकारी ड्यूटी कर रहे है। आश्चर्य की बात है कि कई महीनों से फर्जी थाना फर्जी पुलिस द्वारा फर्जी चलन वसूला जा रहा है। किंतु स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं हुई। स्थानीय मुखिया श्याम सुंदर उरांव इस फर्जी थाने में गणतंत्र दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में न सिर्फ हिस्सा लेते है,बल्कि फर्जी थाने के पदस्थापित चौकीदार, सिपाही यहां तक की दरोगा को भी पदोन्नति का बैच एवं स्टार लगाकर कर सम्मानित करते है। इतना ही नहीं मुखिया का भतीजा सिणोद उरांव भी उसी फर्जी थाने में फर्जी सिपाही बन कर ड्यूटी भी कर रहे थे। स्थानीय कई जनप्रतिनिधि भी इस फर्जी थाने में आयोजित कार्यक्रम के सम्मिलित हुए थे।

सवाल उठता है कि इतना कुछ होने के बावजूद भी आखिर प्रशासन बेखबर कैसे? कुछ लोग प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे है कि कहीं न कहीं इस मामले में स्थानीय प्रशासन की भी भूमिका भी संदिग्ध है। साथ ही मामले में सफेद पोश लोग भी शामिल हो सकते है। इसके लिए विशेष जांच की आवश्यकता है।

इस पूरे प्रकरण को लेकर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह कसबा विधायक मो अफाक आलम ने पूर्णियां के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के शर्मा से पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। विधायक मो अफाक आलम ने पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि इतना कुछ हो रहा था, तो पुलिस अंजन कैसे थी।
इस सम्बन्ध में कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि राहुल कुमार साह सहित अन्य पर कसबा थाना
संख्या 153/25 मामला दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तारी के लिए उसके कई ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है, जल्द ही फर्जीवाड़ा करने वाले सलाखों के पीछे होंगे.

Share This Article
Leave a Comment