अब स्कूल के शिक्षक की तरह कॉलेज के प्रोफेसर साहब भी मोबाइल से अटेंडेंस बनाएंगे

ACS एस सिद्धार्थ ने पटना विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखा पत्र

Desk

Patna :- अब बिहार में सरकारी स्कूल के मास्टर साहब की तरह ही कॉलेज और स्कूल के प्रोफेसर साहब को मोबाइल के जरिए अपना अटेंडेंस बनाना होगा और इसी अटेंडेंस के आधार पर उन्हें वेतन का भुगतान होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो फिर उनकी मुश्किलें बढ़ेगी.
इस संबंध में बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS )एस. सिद्धार्थ ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में सबसे पहले पटना विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए अटेंडेंस बनाने की व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा है.
इस पत्र में एस सिद्धार्थ ने कहा है कि 18 फरवरी 2025 को उच्च शिक्षा विभाग में हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी और उन्हें खुशी है कि सभी लोगों ने इसकी सहमति दी थी और अब इस व्यवस्था को लागू करने की जरूरत है. पत्र के अनुसार पटना विश्वविद्यालय एवं इसके अंगीकृत महाविद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज की जाएगी. यह व्यवस्था मोबाइल सेट आधारित होगी. इसके साथ ही सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति वर्ग कक्षा के अंदर टैब आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम में दर्ज की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है इसके लिए एक मोबाइल एप विकसित किया जाएगा जिसे इंस्टॉल करने के पश्चात शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी अपने मोबाइल सेट से विश्वविद्यालय परिसर के लगभग 500 मीटर के दायरे में रहते हुए लाइव फोटोग्राफ लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे. सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जाएगा. इस कार्य हेतु विश्वविद्यालय को आवश्यक सामग्री और सुविधाएं भी मुखिया कराई जाएगी.

बताते चलें कि इस तरह की व्यवस्था लागू करने की कोशिश पूर्व अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने भी की थी लेकिन उनका तत्कालीन कुलाधिपति और विभिन्न कुलपतियों के साथ हुए विवाद की वजह से यह लागू नहीं हो पाया था लेकिन अब नय अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ इस व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. स्कूलों में मोबाइल आधारित अटेंडेंस व्यवस्था लागू होने के बाद से काफी सुधार हुआ है और शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचने लगे हैं हालांकि अभी भी कई तरह की शिकायतें मिली है लेकिन पहले की अपेक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है यही वजह है कि अब कॉलेज और विश्वविद्यालय में भी मोबाइल आधारित अटेंडेंस लागू करने को लेकर शिक्षा विभाग आगे बढ़ रही है.

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